◆ वायनाड सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए विभिन्न राज्यों के पत्रकारों से मुखातिब
◆ विपक्ष थोड़ा दबाव बनाने का प्रयास करें और अच्छी तरह से समझाए तो सरकार सुन भी लेगी
◆ आर्थिक तूफान आने वाला है, प्यार से कहता हूं पैकेज को रिकंसीडर करें
◆ लॉकडाउन को खोलना ही होगा मगर बेहद सावधानी से
युवा काफिला,भोपाल-
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को वीडियो लिंक के माध्यम से प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसकी स्ट्रीमिंग उनके यूट्यूब चैनल पर की गई।
कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राहुल गांधी ने सरकार द्वारा जारी 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज पर सरकार से सवाल पूछे। कोरोना के दौरान मजदूरों की समस्या और देश के वर्तमान आर्थिक परिदृश्य पर बातचीत की। राहुल ने प्रधानमंत्री से अपील की कि अस्थाई तौर पर जनता के लिए न्याय योजना लागू करें। उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक तूफान अभी आया नहीं है, बहुत जल्द आने वाला है और बहुत जबर्दस्त नुकसान होने वाला है। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी सुने। हम यानी विपक्ष थोड़ा दबाव डाले और अच्छी तरह से समझाए तो सरकार सुन भी लेगी। सरकार को चाहिए कि वह गरीब मजदूरों के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर से पैसा भेजें।मनरेगा के कार्य दिवस 200 दिन, किसानों को पैसा आदि के बारे में मोदी जी विचार करें।
कांग्रेस नेता ने कहा, 'लॉकडाउन पर केंद्र सरकार को सावधानी और समझदारी से निर्णय लेना चाहिए । अभी लॉकडाउन खोलने की बात हो रही है, बिना सोचे-समझे ऐसा किया तो नुकसान होगा। खोलना है तो लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए फैसला करना चाहिए।
केंद्र सरकार राहत पैकेज पर पुन विचार करें सरकार
राहुल गांधी ने राहत पैकेज कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करूंगा कि वे इस पैकेज के बारे में दोबारा सोचें। उन्हें डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर पर सोचना चाहिए। मनरेगा के तहत 200 दिन का रोजगार दिया जाए। किसानों को पैसा सीधे ट्रांसफर किया जाए। उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि रेटिंग्स की वजह से सरकार पैसा नहीं दे रही। कहा जा रहा है कि अगर वित्तीय घाटा बढ़ता है तो विदेशी एजेंसियां भारत की रेटिंग्स कम कर देंगी।
राहुल ने दिया मां का उदाहरण
राहुल गांधी ने कहा कि "जब बच्चों को चोट पहुंचती है, तो मां उनको कर्जा नहीं देती, बल्कि राहत के लिए तुरंत मदद देती है। कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए था, बल्कि किसान, मजदूरों की जेब में तुरंत पैसे दिए जाने की आवश्यकता है।" राहुल ने कहा कि डिमांड को स्टार्ट करने के लिए अगर हमने पैसा नहीं दिया तो बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि 'प्यार से बोल रहा हूं, इस पैकेज को सरकार रिकंसीडर करे।'
इंजन शुरू करने के लिए ईंधन की जरूरत
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत डिमांड-सप्लाई को शुरू करने की है। उन्होंने कहा कि "आपको गाड़ी चलाने के लिए तेल की जरूरत होती है। जबतक आप कार्बोरेटर में तेल नहीं डालेंगे, गाड़ी स्टार्ट नहीं होगी। मुझे डर है कि जब इंजन शुरू होगा तो तेल ना होने की वजह से गाड़ी चलेगी ही नहीं।" उन्होंने केरल में कोरोना वायरस पर कंट्रोल की तारीफ की और कहा कि वह एक मॉडल स्टेट है और बाकी राज्य उससे सबक ले सकते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि -लोगों के पास पैसा ही नहीं पहुंचेगा तो खरीदी कैसे करेंगे
◆ राहुल ने कहा, 'कोरोना संकट में मांग और आपूर्ति दोनों बंद हैं। सरकार को दोनों को रफ्तार देनी है। अब सरकार ने जो कर्ज पैकेज की बात कही है, उससे मांग शुरू नहीं होने वाली है। क्योंकि, बिना पैसे के लोग खरीद कैसे करेंगे।'
◆ 'मांग को शुरू करने के लिए पैसा देने की जरूरत है। "न्याय" जैसी योजना इसमें मददगार साबित हो सकती है। मांग शुरू न होने पर बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होने की संभावना है, जो कोरोना से भी बड़ा हो सकता है।'
राहुल ने मजदूरों पर कहा- सड़कों पर उनकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है
राहुल गांधी ने कहा कि यह आपदा का समय हैंं और किसी पर दोषारोपण करने का कोई फायदा नहीं है। आज देश के सामने बड़ी समस्या है जिसका हमें हल निकालना होगा। मजदूरों की बात बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। जो लोग सड़कों पर हैं उनकी मदद करना और उनकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। इससे ज्यादा मुश्किल वक्त उनके जीवन में नहीं आयी होगी। हमें उन्हें यह एहसास कराना होगा कि हम उनके साथ हैं और उनका सम्मान कम नहीं होने देंगे।