गोंडवाना गौरव सम्मान से सम्मानित किए गए डॉ. सुधीर वाड़ीवा


दमोह-


डॉ. सुधीर वाड़ीवा ने कहा कि  आज का युग वैज्ञानिक युग हैं और प्रत्येक व्यक्ति किसी भी बात को तथ्यात्मक कसौटी पर तौलता हैं,इसलिए हमें अपनी आदि कालीन सभ्यता को तथ्यात्मक आधार पर प्रस्तुत करना चाहिए और इसके लिए ट्रेनिंग सबसे महत्वपूर्ण हैं। ज्ञात हो कि डॉ सुधीर वाड़ीवा द्वारा व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम के माध्यम से जनजातीय बच्चो में स्वाभिमान, आत्मविश्वास, प्रेरणा एवं मनोबल बढाने का शैक्षणिक कार्य किया जा रहा हैं क्योंकि जिसका मनोबल जाग जाता हैं, वह असंभव से असंभव कार्य भी चंद मिनिटों में कर जाता हैं । इसलिए हमें हमारे युवा पीढ़ी के मनोबल को ऊंचा उठाना होगा और यह संभव होगा तो केवल शिक्षा से । डॉ आंबेडकर कहते हैं - शिक्षा वह शेरनी का दूध हैं, इसे जो पियेगा दहड़ेगा ही । 



इसलिए हम शेर हैं,मेमने नहीं ।इसलिए बुद्धि का विकास ही हमारे जीवन का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए । यह बात गोंड समाज महासभा, मध्य प्रदेश के मार्गदर्शन में दमोह में आयोजित तीसरे वार्षिक सम्मेलन में डॉ सुधीर वाड़ीवा ने कही। इस अवसर पर उन्हें व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम के माध्यम से जनजातीय बच्चो में स्वाभिमान, आत्मविश्वास, प्रेरणा एवं मनोबल बढाने का शैक्षणिक कार्य व समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर, गोंड समाज को गौरवान्वित करने के लिए “गोंडवाना गौरव सम्मान” से सम्मानित किया गया।