◆ एक मुख्यमंत्री, दो उप-मुख्यमंत्री यूपी बाले मंत्र की एमपी में एंट्री
◆ सूत्रों का कहना है कि विनय सहस्त्रबुद्धे केंद्रीय नेतृत्व का मंत्रिमंडल गठन का नया फार्मूला लेकर भोपाल आ गए हैं
◆ फार्मूले के तहत मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किए जाने के साथ-साथ वरिष्ठ विधायकों को भी एडजस्ट किया जाएगा
◆ कैबिनेट विस्तार से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भगवान शंकर ने विष पी लिया है
◆ मुख्यमंत्री के इस बयान के क्या हैं मायने आइए समझें
युवा काफिला,भोपाल-
भोपाल पहुंचे बीजेपी प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे उन्होंने दिया बयान कोई असन्तुष्ट नहीं है, सबको एडजस्ट किया जाएगा। सूची कल सार्वजनिक हो जाएगी।आज बताने की जरूरत नहीं है। सीएम शिवराज सिंह के विष पीने पर कहा-ऐसा कुछ नहीं है। कोई कठिनाई नहीं, कोई असंतुष्ट नहीं है। सब ठीक हो जाएगा। इसी बीच राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भोपाल पहुंची स्टेट हैंगर पर पहुँची। जहां उनका भव्य स्वागत किया गया।
सरकार बनाने के सौ दिन पूर्ण करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दर्द मंत्रिमंडल विस्तार के पहले छलक पड़ा। पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम शिवराज ने खुद की तुलना शिव से की और मंत्रिमंडल विस्तार में आ रही दिक्कतों की तुलना खुद के विष पीने से कर गए।
पत्रकारो ने पूछा कि अमृत किसको मिलेगा विष किसको मिलेगा। इसपर सीएम शिवराज ने कहा कि मंथन से अमृत की निकलता है, विष तो शिव पी जाते हैं। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गुरुवार को मंत्रिमंडल शपथ ले लेगा। अगर पिछले 100 दिनों की मध्य प्रदेश राजनीति को समझना है तो सीएम शिवराज के इस बयान से सारी बातें स्पष्ट हो जा रही हैं।
एक दिन पहले सीएम शिवराज ने ट्वीट कर अपना दर्द बयां किया था। सीएम शिवराज ने ट्वीट में कहा था, 'आये थे आप हमदर्द बनकर, रह गये केवल राहज़न बनकर। पल-पल राहज़नी की इस कदर आपने, कि आपकी यादें रह गईं दिलों में जख्म बनकर।' राजनीति के जानकार मानते हैं कि यह ट्वीट शिवराज सिंह चौहान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए किया है। सीएम कहना चाह रहे हैं कि आप हमदर्द बनकर आए यानी कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी में आए। उसके बाद आप मंत्रिमंडल में अपने लोगों की हिस्सेदारी को लेकर इतना तोलमोल कर रहे हैं कि यह जख्म बन चुका है। हालांकि ये सब अटकलें हैं, जब तक सीएम खुलकर कुछ नहीं कहते तब तक कुछ भी कहना ठीक नहीं है।
सिंधिया का नया पेंच
सूत्रों के हवाले से खबर हैं कि सिंधिया, तुलसी सिलावट को उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय देने पर अड़े हैै और लिखित में आश्वासन मांग रहे हैं। वहीं दूसरी ओर नरोत्तम मिश्रा की कुर्सी पर सिंधिया समर्थक नजर गड़ाए बैठे हैं। ऐसे में कहीं मध्यप्रदेश मध्यावधि चुनाव की ओर न बढ़ जाए। मुख्यमंत्री बदलाव की खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर चम्बल क्षेत्र के दिग्गज नरेंद्र सिंह तोमर समर्थकों का उत्साह बढ़ गया हैं। बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओंं के साथ कार्यालय पहुचेंगे।
मंत्रिमंडल विस्तार में हुए विलंब को लेकर कमलनाथ बोले - इसके क्या कारण थे और इसके क्या परिणाम होंगे यह आने वाला समय बताएगा
मंत्रिमंडल के विस्तार में हुए विलंब पर कमलनाथ ने कहा कि इतिहास में पहली बार इतने समय बाद मंत्रिमंडल बनाने जा रहा है। इसके क्या कारण थे और इसके क्या क्या परिणाम होंगे, यह आगे आने वाला समय बताएगा।
सिंधिया भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर रहे हैं, इस पर कहा कि कौन क्या कर रहा है इस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता।