बैतूल-
अखंड भारत का नाम आते ही हर किसी के मन में एक बड़े देश की तस्वीर सामने आ जाती है। भारत के हृदयस्थल मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में एक स्थान है बरसाली। इसे ही अखंड भारत का केंद्र बिंदु माना जाता है। यहा रेलवे स्टेशन पर लगा शिलालेख इस बात का प्रमाण है।
ऐसा था अखंड भारत का स्वरूप-
अखंड भारत में आज के अफगानिस्थान, पाकिस्तान , तिब्बत, नेपाल, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका आते हैं केवल इतना ही नहीं कालांतर में भारत का साम्राज्य में आज के मलेशिया, फिलीपीन्स, थाईलैंड, दक्षिण वियतनाम, कंबोडिया ,इंडोनेशिया आदि में सम्मिलित थे। सन् 1875 तक (अफगानिस्थान, पाकिस्तान , तिब्बत, नेपाल, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका) भारत का ही हिस्सा थे । लेकिन 1857 की क्रांति के बाद ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिल गई थी उन्हें लगा की इतने बड़े भू-भाग का दोहन एक केंद्र से करना संभव नहीं है एवं फूट डालो एवं शासन करो की नीति अपनायी एवं भारत को अनेकानेक छोटे-छोटे हिस्सो में बांट दिया। केवल इतना ही नहीं यह भी सुनिश्चित किया की कालांतर में भारतवर्ष पुन: अखंड न बन सके।
अचानक गायब हो गया शिलालेख-
आमला से दस किमी दूर ग्राम बरसाली के जंगल के बीच लगा पत्थरनुमा शिलालेख भौगोलिक सेंटर पाइंट चिन्हित करता है। इस पत्थर का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह अखंड भारत का केंद्र बिंदु है। सालों से इस जगह पर आयोजन होते जा रहे हैं जो अचानक ही गायब हो गया। अचानक ही इस सेंटर पाइंट को उखाड़कर अन्यंत्र जगह लगा दिया गया है। भारतीय सुभाष सेना के राष्ट्रीय सचिव व प्रवक्ता पवन मालवी ने बताया कि सेंटर पाइंट का पत्थर एक किमी दूर अन्यंत्र जगह पर लगा हुआ मिला है। उन्होंने कहा कि इस तरह महत्वपूर्ण पाइंट को अपने फायदे के लिए एक स्थान से निकालकर दूसरे स्थान पर लगा देना शासकीय रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करने जैसा है। ऐसा करने वालों के विरूद्ध ठोस कार्रवाई होना चाहिए।
कार्रवाई होना जरूरी-
सेंटर पाइंट के शिलालेख से की गई छेड़छाड़ को लेकर अंश सेवा समिति ने कलेक्टर के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। समिति का कहना है कि सेंटर पाइंट ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थल है जिसे मिटाने की कोशिश की जा रही है लेकिन समिति ऐसा होने नहीं देगी।
शिलालेख जगह से गायब हैं-
आमला से दस किमी दूर ग्राम बरसाली में जंगल के बीच लगा पत्थरनुमा शिलालेख भौगोलिक सेंटर पाइंट चिन्हित करता है। इस पत्थर का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह अखंड भारत का केंद्र बिंदु है। सालों से इस जगह पर आयोजन होते जा रहे हैं लेकिन अचानक ही इस सेंटर पाइंट को उखाड़कर अन्यंत्र जगह लगा दिया गया है। भारतीय सुभाष सेना के राष्ट्रीय सचिव व प्रवक्ता पवन मालवी ने बताया कि सेंटर पाइंट का पत्थर एक किमी दूर अन्यंत्र जगह पर लगा हुआ मिला है। उन्होंने कहा कि इस तरह महत्वपूर्ण पाइंट को अपने फायदे के लिए एक स्थान से निकालकर दूसरे स्थान पर लगा देना शासकीय रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करने जैसा है। ऐसा करने वालों के विरूद्ध ठोस कार्रवाई होना चाहिए।