◆ मध्यप्रदेश हैं बाघो का घर
◆ रातापानी में 45
◆ बाँधवगढ़ नेशनल पार्क 124
◆ कान्हा नेशनल पार्क 108
◆ पेंच नेशनल पार्क 87
◆ सतपुड़ा नेशनल पार्क 47
◆ पन्ना नेशनल पार्क 31
◆ संजय नेशनल पार्क 06
युवा काफिला,भोपाल-
भारत में हर चार साल में बाघों की जनगणना की जाती है, जिसमे वन अधिकारियों और वैज्ञानिक शामिल होते हैं। नवीनतम बाघ जनगणना (जो 2018 में हुयी ) के अनुसार भारत अब लगभग 3,000 बाघ है, जो 2014 में एक तिहाई थे । पिछले साल, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बाघ आकलन रिपोर्ट जारी की, जिसके अनुसार 2014 में बाघों की आबादी 2,226 थी जो बढ़कर 2018 में 2,967 हो गई ।
रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ हैं।
मोदी जी के 29 जुलाई 2019 के ट्वीट के अनुसार ने कहा कि भारत अब "बाघों के सबसे बड़े और सबसे सुरक्षित आवासों में से एक है"।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार भारत 70% बाघों का घर है।
यह बाघ संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता है।
भारत में जहाँ लाखो की संख्यां में बाघ हुआ करते थे, उनकी संख्या में शिकार की वजह से तेजी से कमी आई ।
बाघ संरक्षण को कारगर बनाने के लिए कई सरकार द्वारा शिकार पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ कई
जागरूकता अभियान चलाये गए।
1972 में लागू किए गए वन्यजीव संरक्षण कानून ने जंगली जानवरों को मारने या पकड़ने कोअवैध बना दिया । भारत ने अधिक वन रक्षकों को रखने और बाघ संरक्षण क्षेत्रों में सुधार करने के लिए निवेश में वृद्धि की। इन प्रयासों के फलस्वरूप 2006 से बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है।
लेकिन अब भी बाघों पर शिकार तथा घटते जंगलो के कारण बाघों पर खतरा बना हुआ है। और जब तक भारत बाघों के संरक्षण का विस्तार नहीं करता है, इस तरह का खतरा बढ़ेगा ।
डॉ. मोनिका जैन, साइंस कम्युनिकेटर
चैयरपर्सन, सर्च एंड रिसर्च डेवेलपमेंट सोसाइटी