◆ सिंधु घाटी की सभ्यता के समकालीन हैं योग सभ्यता
◆ योग बनाता हैं शरीर को चुस्त-दुरुस्त
◆ ऑनलाइन कार्यशाला के द्वारा मनाया गया योग दिवस
◆ आखिर 21 जून ही क्यों
युवा काफ़िला, भोपाल-
भारत में योगाभ्यास की परंपरा तकरीबन 5000 साल पुरानी है। योग को शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान माना जाता है। इस प्राचीन पद्धति के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योग दिवस मनाया जाता है। कल दुनियाभर में छठा इंटरनेशनल योग दिवस मनाया जाएगा। भारत में इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। लोग इंटरनेशनल योग दिवस मनाने से पहले योगा की प्रेक्टिस कर रहे हैं। जगह-जगह ऑनलाइन योग के सेशन करवाए जा रहे हैं।
ऐसा माना जाता है कि जब से मानव सभ्यता शुरू हुई है तभी से योग किया जा रहा है। योग के विज्ञान की उत्पत्ति हजारों साल पहले हुई थी, पहले धर्मों या आस्था के जन्म लेने से काफी पहले हुई थी।
21 जून ही क्योंकोमनाते हैं योग दिवस
11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। इसके बाद 2015 से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है। कहते हैं कि योग दिवस 21 जून को मनाने के पीछे कारण यह है कि यह दिन साल का सबसे लंबा दिन होता है और धरती पर सूर्य ज्यादा समय तक रहा है।
उत्तरी गोलार्ध पर आमतौर पर 20, 21 और 22 जून को सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी पड़ती है। इसी तरह दक्षिण गोलार्ध पर 21, 22 और 23 दिसंबर को सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी पड़ती है. इस तारीख के बाद दिन छोटे होने लगते हैं और गोलार्ध दक्षिण की ओर जाने लगता है। सबसे लंबा दिन और दक्षिण गोलार्ध में सूर्य के प्रवेश होने के कारण इसी दिन योग दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा भारत में 21 जून ग्रीष्मकालीन संक्रांति का दिन भी होता है।
भोपाल के संत हिरदाराम नगर में क्या हैं खास
ऐसा ही योग दिवस संत हिरदाराम योगा एवं नेचरोकेयर हॉस्पिटल में मनाया जायेगा । डॉ आरफा सिद्दकी ने बताया कि 6 विभिन्न भाषाओं में योग पर ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित की जायेगी जिसका उद्देश्य घर पर ही योग को बढ़ावा देना हैं।
ऑनलाइन कार्यशाला में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए डॉ बर्षा नथानी, डॉ सुचेता कृपलानी, डॉ वकील खान, डॉ ममता जागवानी और डॉ.गुलाब टेवानी उपस्थित रहेंगे।
कोरोना काल में लोगों के पास एक विशेष अवसर हैं कि वे योगा अभ्यास कर स्वयं को निरोगी कर सकते हैं। योगा अच्छा हैं इमाम हैं। पहली बार योग दिवस साल 2015 में मनाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग दिवस मनाने की घोषणा के बाद राजपथ पर पीएम मोदी 35 हजार लोगों का उपस्थिति में योगासन करते हुए योग दिवस मनाया था।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की ।
शारीरिक और मानसिक उपचार योग के सबसे अधिक ज्ञात लाभों में से एक है। यह इतना शक्तिशाली और प्रभावी इसलिए है क्योंकि यह सद्भाव और एकीकरण के सिद्धांतों पर काम करता है।
क्यो हैं योग खास
योग अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया, पाचन विकार और अन्य बीमारियों में चिकित्सा के एक सफल विकल्प है।
ख़ास तौर से जहां आधुनिक विज्ञान आज तक उपचार देने में सफल नहीं हुआ है। एचआईवी (HIV) पर योग के प्रभावों पर अनुसंधान वर्तमान में आशाजनक परिणामों के साथ चल रहा है। चिकित्सा वैज्ञानिकों के अनुसार, योग चिकित्सा तंत्रिका और अंतःस्रावी तंत्र में बनाए गए संतुलन के कारण सफल होती है जो शरीर के अन्य सभी प्रणालियों और अंगों को सीधे प्रभावित करती है।
योग के नियम
◆ जीवन मे अनुशासन एक महत्वपूर्ण जीवन जीने का तरीका हैं। आप यह कुछ सरल नियमों का पालन कर, योग अभ्यास का पूरा लाभ पाएँगे:
◆ योग कभी भी किसी गुरु के निर्देशन में ही शुरू करें।
◆ सूर्योदय या सूर्यास्त के वक़्त योग का सही समय है।
◆ योग करने से पहले स्नान ज़रूर करें।
◆ योग खाली पेट करें।
◆ योग करने से 2 घंटे पहले कुछ ना खायें।
◆ आरामदायक सूती कपड़े पहनें।
◆ तन की तरह मन भी स्वच्छ होना चाहिए
◆ योग करने से पहले सब बुरे ख़याल दिमाग़ से निकाल दें।
◆ किसी शांत वातावरण और सॉफ जगह में योग अभ्यास करें।
◆ अपना पूरा ध्यान अपने योग अभ्यास पर ही केंद्रित रखें।
योग अभ्यास धैर्य और दृढ़ता से करें।
◆ अपने शरीर के साथ ज़बरदस्ती बिल्कुल ना करें।
◆ धीरज रखें। योग के लाभ महसूस होने मे वक़्त लगता है।
◆ निरंतर योग अभ्यास जारी रखें।
◆ योग करने के 30 मिनिट बाद तक कुछ ना खायें। 1 घंटे तक न नहायें।
◆ प्राणायाम हमेशा आसन अभ्यास करने के बाद करें।
◆ अगर कोई मेडिकल तकलीफ़ हो तो पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह करें।
◆ अगर तकलीफ़ बढ़ने लगे या कोई नई तकलीफ़ हो जाए तो तुरंत योग अभ्यास रोक दें।
◆ योगाभ्यास के अंत में हमेशा शवासन करें।
योग कब करें या योग करने का सही समय क्या है?
सुबह सूर्योदय से पहले एक से दो घंटे योग के लिए सबसे अच्छा समय है। अगर सुबह आपके लिए मुमकिन ना हो तो सूर्यास्त के समय भी कर सकते हैं। इसके अलावा इन बातों का भी ख़ास ध्यान रखें:
◆ अगर दिन का कोई समय योग के लिए निर्धारित कर लें, तो यह उत्तम होगा।
◆ सब आसन किसी योगा मैट या दरी बिछा कर ही करें।
◆ आप योग किसी खुली जगह जैसे पार्क में कर सकते हैं, या घर पर भी। बस इतना ध्यान रहे की जगह ऐसी हो जहाँ आप खुल कल साँस ले सकें।
अच्छे योगाभ्यास के लिए क्या सावधानियों को बरतना चाहियें? -
◆ ज़्यादातर ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए। किंतु आप अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार यह अनुमान लगा सकती हैं कि आपको मासिक धर्म के दौरान योगाभ्यास सूट करता है कि नहीं।
◆ गर्भावस्था के दौरान योग किसी गुरु की देखरेख में करें तो बेहतर होगा।
◆ 10 वर्ष की आयू से कम के बच्चों को ज़्यादा मुश्किल आसन ना करायें। किसी गुरु के निर्देशन में ही योग करें।
ख़ान-पान में संयम बरते। समय से खाएं-पीए।
◆ धूम्रपान सख्ती से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। अगर आपको तंबाकू या धूम्रपान की आदत है, तो योग अपनायें और यह बुरी आदत छोड़ने की कोशिश करें।
◆ नींद ज़रूर पूरी लें। शरीर को व्यायाम और पौष्टिक आहार के साथ विश्राम की भी जरूरत होती है। इसलिए समय से सोए।