◆ 12 वीं के पेपर में कश्मीर को आजाद बताया
◆ कौन कर रहा हैं सरकार की छवि खराब
◆ भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कश्मीर को आजाद बताना निश्चित रूप से विवाद का विषय है
युवा काफिला,भोपाल
माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश द्वारा हायर सेकेंडरी (12वीं) बोर्ड की परीक्षाओं में शनिवार को राजनीति शास्त्र के एक पेपर में कश्मीर को आजाद बताया गया है। प्रश्न पढ़ते ही छात्र एक-दूसरे को ताकते नजर आए और बाहर आकर यहीं प्रश्न विवाद का कारण बना। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कश्मीर को आजाद बताना निश्चित रूप से विवाद का विषय है।
शनिवार को आयोजित हुए राजनीति शास्त्र के पेपर में 2 अंक के प्रश्न क्रमांक-6 में पूछा गया है कि आजाद कश्मीर क्या है? इसे लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने विरोध जताया है। अभाविप के प्रदेश मंत्री निलेश सोलंकी का कहना है कि प्रश्नपत्र में आजाद कश्मीर पर प्रश्न पूछना निंदनीय है। इस तरह के प्रश्न विद्यार्थियों के मन में भ्रम पैदा करते हैं। अभाविप का मानना है कि प्रदेश सरकार इस विषय पर संज्ञान लेकर प्रश्न पूछने की मंशा पर उचित जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें। साथ ही आजाद कश्मीर को पाठ्यक्रम से भी हटाया जाए।
वहीं, राजनीति शास्त्र के शिक्षकों का कहना है कि आजाद कश्मीर पर प्रश्न पहले भी 2015, 2018 में पूछे गए हैं क्योंकि आजाद कश्मीर पाठ्यक्रम में शामिल है। 12 वीं के प्रश्नपत्र में प्रश्न गलत नहीं पूछे गए हैं। वहीं, माशिमं के सचिव अनिल सुचारी का कहना है कि दसवीं में दो प्रश्न पूछे गए थे, उसमें एक प्रश्न में त्रुटि हुई थी। लेकिन 12वीं का प्रश्न गलत नहीं पूछा गया है।
ज्ञात हो कि मार्च में 10वीं बोर्ड की परीक्षा में सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र में आजाद कश्मीर के ऊपर पूछे गए दो सवालों पर विवाद उत्पन्न हुआ था। प्रश्नपत्र में सही जोड़ी मिलाने वाले सवाल में आजाद कश्मीर का विकल्प दिया गया था। वहीं, दूसरे प्रश्न में भारत के मानचित्र में आजाद कश्मीर दर्शाने के लिए कहा गया था। मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रश्न पत्र सेट करने वाले अधिकारी नितिन सिंह जाट एवं कमेटी के मुख्य परीक्षक रजनीश जैन को त्रुटिपूर्ण एवं लापरवाही पूर्वक कार्य करने के कारण निलंबित कर दिया था।