◆ सोशल मीडिया पर आरक्षण के संबंध में किए गए पोस्ट का मामला
◆ ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में 16 सीटों पर होना हैं उपचुनाव
◆ 16 में से 6 हैं आरक्षित
◆ भीम आर्मी और ब्राम्हण समाज के बीच टकराहट रोकने नायब तहसीलदार अटैच, जांच टीम बनाई
◆ भीम आर्मी ने 27 जून को दी आंदोलन की चेतावनी ◆ विरोध में सवर्ण समाज ने भी दिया चैलेंज
युवा काफिला,मुरैना-
कोरोना काल में आरक्षण पर चर्चा और फिर उच्चतम न्यायालयों का रुख थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी बीच सबलगढ़ में पदस्थ नायब तहसीलदार नरेश शर्मा द्वारा आरक्षण को लेकर फेसबुक पर की गई टिप्पणी का मामले ने तूल पकड़ा । फिर भीम आर्मी ने नायब तहसीलदार पर कार्रवाई के विरोध में 27 जून को जिला मुख्यालय पर विशाल आंदोलन की चेतावनी दे दी परंतु इसके विरोध में ब्राह्मण समाज ने गुरुवार को पोरसा से सबलगढ़ तक ज्ञापन सौंपकर प्रशासन को आगाह किया कि अगर भीम आर्मी ने आंदोलन किया तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे और डटकर सामना करेंगे। दो समुदाय विशेष के बीच पैदा हुए तनाव को कम करने व आपसी द्वेष रोकने के लिए चंबल कमिश्नर आरसी मिश्रा ने नायब तहसीलदार नरेश शर्मा को मुरैना मुख्यालय पर अटैच कर मामले की जांच शुरू करा दी है। ज्ञात हो कि शर्मा को कलेक्टर प्रियंका दास द्वारा मध्यप्रदेश उपचुनाव के दौर में उप जिला निर्वाचन अधिकारी के पद पर जिला निर्वाचन कार्यालय में नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ किया गया था। नरेश शर्मा ने आरक्षण को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक विवादित पोस्ट की थीं। जिसमें आरक्षित वर्ग पर आपत्तिजनक टिप्पणीयां की गई थीं। यह टिप्पणी सिविल सेवा आचरण नियम का खुला उल्लंघन थीं।
समुदाय विशेष के खिलाफ एफबी पर कमेंट्स करने वालों को हिदायत-
भीम आर्मी व ब्राह्मण समाज तथा सर्व समाज के 27 जून को प्रस्तावित आंदोलन को लेकर फेसबुक पर आपत्तिजनक और उत्तेजित करने वाले मैसेज वायरल करने वाले लोगों व युवाओं को भी अब पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने तलब किया हैं। अभिभावकों के साथ बुलाए गए दो दर्जन से अधिक लोगों को यह चेतावनी दी गई कि समाज में ऐसा कोई भी मैसेज वायरल न करें जिससे किसी की धार्मिक भावनाओं सहित किसी समाज का या वर्ग विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचे। हालांकि दोनों संगठनो को समझाइश दे दी गई हैं।
विवाद पर प्रशासन ने लगाया विराम-
कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। जो सात दिनो के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। जिला कलेक्टर द्वारा जांच समिति मुरैना एसडीएम की अध्यक्षता में बनाई गई है। जिसमें तीन सदस्य होंगे । इस समिति में जौरा की प्रभारी तहसीलदार कल्पना शर्मा सहित प्रबंधक ई-गवर्नेंस मनीष शर्मा को शामिल किया गया हैं। यह समिति पूरे मामले की जांच कर सात दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करेगी। जांच होने तक नायब तहसीलदार नरेश शर्मा को मुख्यालय मुरैना अटैच किया गया हैं।