◆ लॉक डाउन में खेलों पर लग गया हैं ब्रेक
◆ खेल मनुष्य के जीवन का आधार हैं
◆ गांवों में बसती हैं खेलों के द्वारा भारत की आत्मा
◆ क्या हैं आज खास जाने हमारे साथ
युवा काफिला,भोपाल-
आजकल हम चारों तरफ देख रहे हैं कि बच्चे खेल नहीं पा रहे हैं। कोरोनावायरस के कारण जो तालाबंदी हुई है उसमें बच्चे अपने घरों में कहते हैं। अभी कुछ दिनों से जो छूट मिली है, उसके बावजूद मैदानों में और गली मोहल्ले में खेलने जाना सुरक्षित नहीं है। घर वाले भी डरे हुए हैं वह बच्चों को बाहर नहीं जाना देना चाहते हैं। बच्चों में भी काफी हद तक डर बना हुआ है। वैसे मैं पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी पूरी तरह बंद हो चुका है। स्कूल बंद हो चुके हैं। हालांकि स्कूल खोलने के खबरें आ रही हैं लेकिन यह पक्का नहीं है कि हम किस तरह स्कूल जा पाएंगे और किस तरह खेल पाएंगे। ऐसे में बच्चों के स्वाभाविक विकास के लिए खेल जैसी गतिविधियों का बंद होना एक खतरनाक बात है।
खेलों का हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर होता है। मनुष्य का क्रम विकास का इतिहास बताता है कि खेल से सामाजिक व्यवहार सीखे जाते हैं। या न केवल शरीर बल्कि मन के लिए भी बहुत जरूरी होता है। मानव के विकास के अनुक्रम में खेलो का मानवीय जीवन पर प्रभाव प्रशंसनीय हैं। मानव जीवन मे खेल उतने ही आवश्यक हैं जीतना भोजन । भोजन करने से ऊर्जा मिलती हैं जिससे हमारा मस्तिष्क तीव्र गति से कार्य कर सकता हैं। मस्तिष्क को परिपक्व होने के लिए विचारों के आहार की आवश्यकता होती हैं। वैसे ही शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेल अनिवार्य हैं । खेल समय की बर्बादी नहीं है वरन खेल एक अच्छा व्यायाम है ।
खेलों से कसरत होती है । खाया-पीया हजम होता है । छोटी-मोटी बीमारियाँ दूर हो जाती हैं । खूब भूख लगती है और पाचन क्रिया में सुधार होता है । शारीरिक विकास में खेलों का खूब योगदान हैं। खेलों से चुस्ती-स्कूर्ति प्राप्त होती है । आलस्य दूर भागता है, चित्त प्रसन्न होता है । चित्त की इस अवस्था में पढ़ाई जैसा कोई भी कार्य भली भाँति किया जा सकता है ।खेल एक अच्छा मनोरंजन है । खेल खेलने वाले को भी मनोरंजन मिलता है और खेल देखने वाले को भी । आज जब बड़े-बड़े स्टेडियम में हॉकी, क्रिकेट अथवा फुटबाल के मैच खेले जाते हैं, तो हजारों की संख्या में दर्शक उन्हें देखने पहुँचते हैं । यही नहीं, मैच देखने के लिए टिकटें खरीदी जाती हैं ।
जहाँ दर्शकों की इतनी बड़ी भीड़, मैच देखकर मनोरंजन प्राप्त करती है वहाँ इतने लोगों के सामने खेलते हुए खिलाड़ियों का भी उत्साहवर्धन होता है । वे अधिक शक्ति और कौशल से खेलते हैं । बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार घोषित करके उनका उत्साहवर्धन करती हैं । ऐसा करके उन कम्पनियों को खूब प्रचार मिलता है और उनकी चीजों की बिक्री बढ़ती है । खेल ही है जो लोगो को उनके अंदर का हुनर दिखता है उनकी अंदर की क्षमता उनके अंदर क्या खास है इसका परिचय कराता है ।
कोरोना काल के कारण खेल पर असर
कोरोना के कारण आज भारत मे ही नही पूरे विश्व मे खेल पर प्रतिबंध लग गया है। खेल ही एक ऐसा साधन है जो सभी की जिंदगी में थोड़ी खुशी भर देता है। चाहे वो खुशी खेल देखने से मिले या खेलने से लेकिन कोरोना के कारण पूरी तरह प्रतिबंद्ध लग गया है जिससे खेल विभाग के साथ - साथ हमारे खिलाड़ियों की खेल करियर पर बहुत बुरा असर हुआ है।
इस महामारी के चलते पिछले लगभग 3 महीनों से खेलों की दुनिया पूरी तरह से थम चुकी है. क्रिकेट (Cricket), हॉकी, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन समेत सभी बड़े-बड़े खेल कोरोना वायरस की मार झेल रहे हैं और उनके कई बड़े टूर्नामेंट स्थगित या रद्द हो चुके हैं. कोरोना वायरस की वजह से खेलों का महाकुंभ टोक्यो ओलिंपिक भी 2021 तक स्थगित करना पड़ गया। कोरोना वायरस ने अब तक खेलों कितना आर्थिक चोट पहुंचाई है और किन खेलों और खिलाड़ियों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है, ये बहुत ही विचारणीय है ।
इसके बावजूद बच्चों से मैं यह निवेदन करूंगा, कि वे खेलना जारी रखें। संक्रमण के खतरे को कम करते हुए अपने घर में ही कुछ खेलें। अगर पर्याप्त स्थान नहीं मिलता है तो एक ही स्थान पर खड़े खड़े दौड़ सकते हैं। या बार-बार सीढ़ियां चढ़कर उतर सकते हैं, इससे भी अच्छी कसरत हो जाती है। योग और एरोबिक्स के जरिए भी कसरत की जा सकती है। परिस्थिति कैसी भी हो बच्चों को अपनी शारीरिक गतिविधि बढ़ाते रहना चाहिए। विशेष रूप से किशोर बच्चों को शारीरिक गतिविधियां ज्यादा करनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि इन जानकारियों से आपको लाभ मिलेगा। मैं इसी तरह के अन्य अच्छे आर्टिकल लेकर आपके लिए आता रहूंगा। अब तक आप अपना ख्याल रखेगा।
विचारक - प्रेमांशु वासनिक
अध्ययनरत - सिविल इंजीनियरिंग