सोनिया गांधी का पत्र मोदी के नाम / कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर पुनः विचार करें सरकार लॉक डाउन के बीच बढ़ी हुई कीमते वापस ले

◆ सरकार के आत्मनिर्भर भारत के बीच उबाल मार रहे हैं पेट्रोल-डीजल के दाम


◆ अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में लगातार गिर रहे हैं पेट्रोल-डीजल के दाम


◆ पेट्रोल की कीमत में 5.47 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है


◆ डीजल की कीमत में 5.8 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाया गया है


◆ लोगों के सामने जीविका की समस्या पैदा हो गई है और सरकार कीमतें बढ़ाने में लगी हुई हैं



युवा काफिला,नई दिल्ली- 


भारत सरकार ने लॉकडाउन के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के कम दाम होने का फायदा उठाते हुए क्षमता से ज्यादा तेल स्टोर कर लिया था, परंतु आम नागरिकों को इसका फायदा नहीं मिला है। ऐसे में अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख दी। चिट्ठी में उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस संकट से जूझ रहे देश में कीमतें बढ़ाने का सरकार का फैसला बिल्कुल असंवेदनशील है उन्होंने बढ़ी हुई कीमतों का फैसला वापस लेने की अपील की।



पत्र में


कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में पिछले सप्ताह की तुलना में लगभग 9% की कमी हुई है। लेकिन सरकार इस मुश्किल समय में भी लोगों को लाभ देने के लिए कुछ नहीं कर रही है।मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें मंगलवार को 10वीं बार बढ़ाया गया। पेट्रोल की कीमत में 5.47 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है, वहीं डीजल की कीमत में 5.8 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाया गया है। सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाकर 2 लाख 60 हजार करोड़ रु. का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री देश के लोगों के आत्मनिर्भर होने की बात करते हैं। ऐसे में लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालना उचित नहीं है। उन्होंने सरकार से अपने संसाधनों का उपयोग करने का आग्रह किया, ताकि इस संकट में जरूरतमंद लोगों को सीधे लाभ मिल सके। देश को अभी स्वास्थ्य संबंधी, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है। ऐसे में सरकार ने कीमतें बढ़ाने का असंवेदनशील फैसला लिया। कीमतें बढ़ने से लोगों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है, जो बिल्कुल उचित नहीं है। सरकार की यह जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि लोगों को ज्यादा परेशानी में न डाले। कीमतें बढ़ाने का कोई औचित्य नजर नहीं आता, जब देश में आर्थिक संकट की स्थिति हो गई हो। कोरोना संकट में करोड़ों लोग बेरोजगार हुए हैं। छोटे-बड़े उद्योग बंद हो रहे हैं। लोगों के सामने जीविका की समस्या पैदा हो गई है। मिडिल क्लास परेशानी में है। किसानों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है