SC में विक्रम बागड़े ने लगाई आरक्षण खत्म करने वाली याचिका

◆ कोरोना काल में आरक्षण पर उठते सवाल

◆ लगातार आरक्षण खत्म करने वाली याचिका लग रहीं हैं SC में

◆ SC में स्वयं रखेंगे अपना पक्ष

◆ याचिका में दिया तर्क अफसरों व सरकारी नौकरी प्राप्त दलितों का आरक्षण समाप्त कर देना चाहिए


युवा काफिला, भोपाल- 





लॉक डाउन और कोरोना संकट के बीच आरक्षण पर चर्चा थमने का नाम ही नहीं ले रहा हैं। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के रामपुरा गाँव मे रहने वाले युवक विक्रम बागड़े का हैं जो काफी चर्चा में हैं कारण हैं आरक्षण के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल करना। जिसमें आरक्षण को समाप्त करने की मांग की हैंं। डाक से भेजी गई बागड़े की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। याची विक्रम बागड़े फिलहाल में मप्र के मंदसौर में एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र हैं। सुप्रीम कोर्ट को 25 जनवरी, 2020 को भेजी पत्र याचिका में उन्होंने मांग की है कि एससी-एसटी वर्ग के सक्षम लोगों का शिक्षा और सरकारी नौकरी में आरक्षण समाप्त किया जाए। साथ ही गैस सिलेंडर और रेल टिकटों में सब्सिडी छोड़ने की तरह ही आरक्षण छोड़ने का विकल्प भी रखा जाए, ताकि जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है। कोर्ट से इस आशय का पत्र विक्रम को भेजा गया है।



अपने यू ट्यूब चैनल "एक सामान शिक्षा एक सामान अवसर” के माध्यम से विक्रम बागड़े पिछले कई दिनों से अपने साथीयो के साथ मिलकर एक सोशल मीडिया पर एक कैंपेन भी चला रहे है जो कई आरक्षण समर्थित संगठनों को अब खटकने लगा है। जिसके कारण विक्रम बागड़े को कई दलित संगठनों से जुड़े लोगो ने जान से मारने की धमकियां देनी शुरू कर दी है।


एक प्रकरण में विक्रम को अन्य युवक ‘ताशी दांते’ ने जान से मारने की धमकी दी है।



धमकी में दांते ने कहा “अबे चूतिये जिन बाबा साहब की वजह से तुझे आज हक़ मिला है यहाँ यूट्यूब पे बकवास करने का तेरी इतनी मजाल की तू उनका अपमान करे तू जहा भी मंदसौर में रहता है बचा रहिओ क्यूंकि तुझे पेलने के लिए और तेरी ज़िन्दगी बर्बाद करने के लिए पूरी टीम आ रही है वहां रुक जा तू तेरी हिम्मत कैसे हो गई “।


पुलिस को लेकर दी सूचना




ऐसा क्या कहा विक्रम बागड़े ने वीडियो में
10 जून 2020 को यूट्यूब पर डाले एक वीडियो में विक्रम बागड़े ने मांग उठाई थी कि जो अभी अनुसूचित जाति व जनजाति के बच्चे प्राइवेट स्कूल या अच्छे इंस्टिट्यूट में पढ़ते है उनका आरक्षण तत्काल ख़त्म करना चाहिए।


साथ ही विक्रम ने मांग उठाते हुए कहा कि अफसरों व सरकारी नौकरी प्राप्त दलितों का आरक्षण भी समाप्त कर देना चाहिए। जिसके कारण विक्रम को समाज से मिल रहे समर्थन से डरे दलित संगठनों ने अब इस दलित युवा को धमकाना शुरू कर दिया है ताकि यह अपनी आवाज बुलंद करना छोड़ दे।