◆ सरकार बदलते ही बदले माननीयों के सुर
◆ कांग्रेस शासनकाल में यह नेता खुलेआम कहते थे कि उनकी कांग्रेस नहीं बल्कि कमलनाथ में निष्ठा हैं
◆ निर्दलीय सहित बसपा,सपा के विधायक पहूंचे सरकार के पाले में
युवा काफिला,भोपाल -
मध्यप्रदेश में एक तरफ कोरोना संकट के ठीक पहले सरकार गवांने वाली कांग्रेस पार्टी को झटके पर झटके लग रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और मिस्टर मैनेजमेंट पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति अब बसपा, सपा और निर्दलीयों की तरफ से एक और बुरी खबर है। कांग्रेस शासनकाल में यह नेता खुलेआम कहते थे कि उनकी कांग्रेस नहीं बल्कि कमलनाथ में निष्ठा हैं। सपा-बसपा एवं कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव जीते 5 विधायकों का निष्ठा परिवर्तन कमलनाथ की मजबूत सामाजिक छवि को बड़ा आघात पहुंचाने वाला कदम है।
कमलनाथ के खासमखास 5 विधायक अब भाजपा के पाले में
राजधानी में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की एक बैठक आयोजित की गई जिसके अंतर्गत सभी विधायक 19 जून 2020 राज्यसभा चुनाव के मतदान तक भोपाल में ही रहेंगे। इस अवसर पर बहुजन समाज पार्टी की चर्चित विधायक रामबाई एवं संजीव कुशवाह, समाजवादी पार्टी के इकलौते विधायक राजेश शुक्ला और कांग्रेस से बगावत करके निर्दलीय चुनाव जीते विधायक विक्रम सिंह राणा व सुरेंद्र सिंह शेरा नजर आए।
सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के साथ मौजूद अन्य भाजपा नेताओं के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाया एवं इस बात का ऐलान किया कि राज्यसभा चुनाव में वह सभी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को प्राथमिकता वाला वोट देंगे। इसी के साथ मध्य प्रदेश की 3 में से 2 सीटें भारतीय जनता पार्टी के पास सुरक्षित हो गई।