◆ पिछले दो दिनों प्रतिष्ठानें खोलने की तैयारी में जुटे मालिक
◆ होटल-रेस्टोरेंट और 6 फुट की दूरी का पालन करने के निर्देश पर कहा
◆ सैनिटाइजर सभी जगह रहेगा उपलब्ध
युवा काफ़िला,भोपाल-
अस्सी दिन बाद कल से राजधानी के विभिन्न इलाकों में स्थित होटल-रेस्टोरेंट खुलेंगे। इसके पूर्व पिछले दो दिन से शहर के करीब 1 हजार होटल-रेस्टोरेंट मालिक प्रतिष्ठानों की साफ-सफाई और शासन-प्रशासन के दिशा-निर्देशों के परिपालन में व्यवस्था दुरूस्त करने में जुट गए है। लेकिन होटल-रेस्टोरेंट मालिकों के मन को प्रशासन के कुछ दिशा-निर्देश नहीं भा रहे हैं।
भोपाल होटल एंड रेस्टोरेंस एसोसिएशन के अनुसार मध्यप्रदेश सहित समूचा देश कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है इस बीच 50 प्रतिशत ग्राहक क्षमता के साथ रेस्टोरेंट चलाना घाटे का सौदा है। तो वहीं रेस्टोरेंट खोले जाने की समय-सीमा रात 9 बजे तक सीमित रखना और बार पर पांबंदी लगाना चिंता का विषय है।
रेस्टोरेंट मालिकों ने संकेत दिया कि बाहर जाकर भोजन करना अब भी दूर की बात है और घर पर भोजन पहुंचाना जारी रहेगा। क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का जिक्र करते हुए प्रशासन ने होटल-रेस्टोरेंट के अंदर कम से कम 6 फुट की दूरी रखे जाने का दिशा-निर्देश है।
पचास प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति
राजधानी के एमपी नगर,हमीदिया रोड,अशोका गार्डन, न्यूमार्केट, कोलार, होशंगाबाद रोड़ सहित शहर तमाम जगहों में संचालित होटल-रेस्टोरेंटों को कल से 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति प्रशासन ने दी है। लॉकडाउन से सर्वाधिक नुकसान झेल चुके रेस्टोरेंट और होटल मालिकों का कहना है कि प्रतिष्ठानें खुलने से अब और नुकसान होगा। क्योंकि 50 प्रतिशत क्षमता के साथ करीब 80 प्रतिशत रेस्टोरेंट कल से खुलेगें। इसके बाद भवन किराया, कर्मचारियों के वेतन और बिजली बिल सहित तमाम प्रकार के खर्चों का बोझ मालिकों पर और बढ़ जाएगा, जो घाटे का सौदा होगा।
भोपाल होटल एंड रेस्टोरेंट के अध्यक्ष तेजकुलपाल सिंह पाली ने प्रशासन से मांग की है कि लॉकडाउन के समयावधि का बिजली बिल जो विद्युत विभाग द्वारा फिक्स चार्ज के अनुरूप भुगतान करने बिजली बिल थमाया गया है उस पर होटल-रेस्टोरेंट संचालकों को रिबेट मिले। इसके अलावा बैंकों से ऋण लेने वालों को किस्त शासन लॉकडाउन पीरियड को जमा करें। उन्होंने आधे क्षमता के साथ होटल-रेस्टोरेंट और 6 फुट की दूरी का पालन करने के निर्देश पर कहा कि जहां तक बैठने की बात है, एसओपी में सिर्फ दो चीजों का जिक्र है। बैठने की 50 प्रतिशत क्षमता और छह फुट की दूरी। लेकिन रेस्टोरेंट विभिन्न आकार के हैं। अब यदि कोई रेस्टोरेंट 10 फुट चौड़ा और 15 फुट लंबाई के आकार वाला है तो वहां दो से अधिक मेज नहीं लग सकती है। ऐसे में उक्त मालिक प्रशासन के दिशा-निर्देश का पालन किस प्रकार से करेंगा। इधर नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया प्रमुख अनुराग कतरियार के अनुमान के मुताबिक ढाई महीने के लॉकडाउन में रेस्टोरेंट क्षेत्र को 80,000 करोड़ रुपये से अधिक नुकसान हो चुका है।