मप्र उपचुनाव/ सुरखी उपचुनाव को लेकर भाजपा में असंतोष के बादल

◆ कई दिग्गज हैं दलबदल के लिए तैयार


◆ अब बस उपचुनाव की तारीखों का इंतजार


◆ कांग्रेस उतारेगी दिग्गजों को मैदान में


◆ अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो सकते हैं चुनाव



युवा काफिला, सागर- 


सुरखी उपचुनाव को लेकर बीजेपी में उभर रहा असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। उपचुनाव को लेकर गुरुवार को हुई कोर कमेटी की बैठक में बुलावे के बाद भी सुरखी से भाजपा विधायक रहीं पारुल साहू 2018 के  प्रत्याशी सुधीर यादव तथा 2008 में प्रत्याशी रहे राजेंद्र सिंह मोकलपुर बैठक में नहीं पहुंचे। तीनो ही नेता गोविंद राजपूत के खिलाफ भाजपा से चुनाव लड़ चुके हैं। इनमे सिर्फ पारुल साहू को ही जीत हासिल हो सकी थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त सभी नेता खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री गोविंद राजपूत के खिलाफ नाराजगी के चलते बैठक में नहीं गए हैं। इसके पहले भी तीनों ही नेता पार्टी के प्रांतीय और राष्ट्रीय नेताओं के सामने गोविंद राजपूत के खिलाफ अपना आक्रोश जता चुके हैं। ऐसे में भाजपा को सुरखी से जीत हासिल करने की डगर कठिन हो रही है।


सुरखी से राहुल भैया, सांवेर से गुड्डू?
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रह चुके अजय सिंह उर्फ राहुल भैय्या को सुरखी से चुनाव लड़ाया जा सकता है। सुरखी से सिंधिया-समर्थक और शिवराज कैबिनेट में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत उम्मीदवार होंगे। ठाकुरों की ज्यादा आबादी वाली इस सीट पर राहुल भैया और गोविंद सिंह के बीच तगड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। इसी तरह, सांवेर में मंत्री तुलसी सिलावट के खिलाफ प्रेमचंद गुड्डू कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं। गुड्डू पिछले कई दिनों से सिंधिया और सिलावट के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए हैं। मंदसौर की सुवासरा सीट पर पूर्व कांग्रेस सांसद मीनाक्षी नटराजन का मुकाबला हरदीप सिंह डंग से हो सकता है। यह मुकाबला भी रोचक होने की उम्मीद है क्योंकि कांग्रेस में रहते हुए डंग नटराजन के ही समर्थक माने जाते थे। पूर्व मंत्री रामनिवास रावत को पोहरी या करेरा से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जा सकता है। ग्वालियर में प्रद्युम्न सिंह तोमर के खिलाफ भी पार्टी दमदार ब्राह्मण चेहरे की तलाश कर रही है। 


गोविन्द से बदला लेंगे राजेन्द्र सिंह
खबर है कि यदि अजय सिंह सुरखी से चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के दिग्गज नेता राजेन्द्र सिंह मोकलपुर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। पिछले आम विधानसभा चुनाव में चुरहट से अजय सिंह की पराजय से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था। 


सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र में गोविन्द सिंह राजपूत और राजेन्द्र सिंह मोकलपुर के राजनैतिक दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है। चर्चा है कि गोविन्द राजपूत के कहने पर ही राजेन्द्र सिंह के बेटे पर गंभीर आपराधिक प्रकरण कायम हुआ था। गोविन्द सिंह के कारण ही राजेन्द्र सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए थे। आज वे भाजपा के सुरखी के सबसे प्रभावी नेता हैं। गोविन्द सिंह राजपूत के भाजपा में आने के बाद राजेन्द्र सिंह के कांग्रेस में जाने की अटकलें शुरू हो गई हैं। यह भी बताया जाता है कि पिछले कुछ दिनों से राजेन्द्र सिंह कांग्रेस नेता अजय सिंह के संपर्क में है। राजेन्द्र सिंह ने अजय सिंह को सुरखी से लडऩे के लिए भी आमंत्रित किया है। दूसरी ओर भाजपा राजेन्द्र सिंह को रोकने के लिए उन्हें निगम मंडल में महत्वपूर्ण पद देने का प्रस्ताव बनाकर बैठी है।