मप्र प्रेशर पॉलिटिक्स/ मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कद्दावर नेताओं का मिलन आख़िर क्या गुल खिलायेगा???

◆ मंत्रिमंडल में स्थान पक्का करने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स का खेल


◆ क्या गुल खिलाएगा शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार से पहले बीजेपी के इन दिग्गजों का ‘महामिलन’


◆ भाजपा के तीन वरिष्ठ नेताओं की भोपाल में मुलाकात से राजनीति गर्मायी



युवा काफिला,भोपाल-


मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों से पहले नेताओं और प्रदेश संगठन के बीच बैठकों के दौर लगातार जारी हैं। मंगलवार को बीजेपी के तीन दिग्गजों के बीच बंद कमरे में हुई बैठक के बाद कयासों और अटकलों ने ज़ोर पकड़ लिया है। इसे लेकर सियासी गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस मुलाकात को बीजेपी का ‘महामिलन’ भी कहा जा रहा है। भोपाल में गोपाल भार्गव, गौरीशंकर बिसेन और विजय शाह की इस बैठक के बाद भाजपा में राजनीति तेज हो गई है।


मंत्रिमंडल में जगह पाने की आस लिए बीजेपी के ज्यादातर विधायक और पूर्व मंत्रियों ने भोपाल में डेरा जमा रखा  है। मंगलवार को पूर्व मंत्री और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बंगले पर पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन और पूर्व मंत्री जय शाह के बीच एक अहम बैठक हुई। हालांकि, बैठक के बाद तीनों नेताओं ने इसे सौजन्य मुलाकात बताया है। इन नेताओं का कहा कि लॉकडाउन के बाद से उनकी मुलाकात सम्भव नहीं हो सकी थी, लेकिन यह माना जा रहा है कि तीनों ही नेता संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर रणनीति बना रहे हैं। इसे राजनीति के जानकार प्रेशर पॉलिटिक्स  के नजरिए से भी देख रहे हैं, ताकि गुटों की ताकत दिखाकर मंत्रिमंडल में जगह पक्की की जा सके।


तीनों हैं मंत्री पद के दावेदार-


खास बात यह है कि चाहे बात गोपाल भार्गव की करें, गौरीशंकर बिसेन या फिर विजय शाह की। यह तीनों ही 6 से 7 बार के विधायक हैं और शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इस बार भी यह तीनों मंत्रिमंडल में जगह पाने के खुद को स्वाभाविक दावेदार मानकर चल रहे हैं, लेकिन सिंधिया समर्थकों के मंत्री बनाए जाने की संभावना के बीच बीजेपी के कुछ पूर्व मंत्रियों के नाम कटना तय है। यही वजह है कि अपनी ताकत दिखाने के लिए यह नेता एक साथ बैठकें कर सियासी तौर पर संकेत देने की भी कोशिश करेंगे।


कब होगा मंत्रिमंडल विस्तार-


शिवराज मंत्रिमंडल में अभी सिर्फ पांच मंत्री शामिल हैं, जो न्यूनतम कैबिनेट से भी कम हैं। इनमें से भी दो सिंधिया समर्थक हैं, जो दल बदलकर आए हैं। पिछले करीब महीने भर से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन बार-बार यह तारीख बढ़ती गई। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने एक बयान में यह कहा था कि मंत्रिमंडल का विस्तार 17 मई के बाद हो जाएगा, लेकिन 2 जून तक भी विस्तार को लेकर कोई खबर नहीं है। एक संभावना यह जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आने वाले दिनों में दिल्ली का दौरा करेंगे और केंद्रीय संगठन से मुलाकात के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार अब संभव हो पाएगा।