विश्व हाथ स्वच्छ्ता दिवस/ हाथ धोना क्यों हैं जरूरी, जाने डॉ मोनिका जैन से

◆ हाथों की स्वच्छता है जीवन के लिए वरदान


◆ हाथ धोने से बढ़ती हैं स्वच्छता


◆ हाथों की धुलाई (हैंडवाशिंग) हमारी स्वच्छता का एक बुनियादी हिस्सा


◆ दुनिया भर में प्रति वर्ष 1 मिलियन मौतें संभावित रूप से नियमित रूप से हैंडवाशिंग द्वारा रोकी जा सकती हैं।


युवा काफिला, भोपाल-


1847 में एक हंगेरियन वैज्ञानिक और प्रसूति विशेषज्ञ इग्नाज पी. सेमेल्विस ने दिखाया कि हाथ धोने से नवजात शिशुओं में संक्रमण बहुत कम हो जाता है। डॉ. सेमेल्विस ने अपने सहयोगियों के बीच हाथ धोने और स्वच्छता को बढ़ावा देने का प्रयास किया।


इस खोज से अब तक लगभग 170 वर्षों में सेमेल्विस के दावे कई बार सही साबित हुए हैं, और यह अब एक स्थापित तथ्य है कि वास्तव में, हाथ धोने से फ्लू और सर्दी-खांसी जैसी कोविड-19 जैसी महामारी का प्रसार कम किया जा सकता है। हाथ धोने का महत्व हर जगह स्कूली बच्चों को समझाया जाता रहा है और 95% लोग दावा करते हैं कि वे उचित रूप से हाथो की स्वच्छता करते है, लेकिन स्थिति ऐसी नहीं है। एक अध्ययन से पता चलता है कि केवल 67% लोग किसी भी प्रकार की हाथ की स्वच्छता का अभ्यास करते हैं।


हाथों की धुलाई (हैंडवाशिंग) हमारी स्वच्छता का एक बुनियादी हिस्सा है और अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। हाथों की धुलाई संक्रमण को कम करने का सबसे महत्वपूर्ण, सबसे आसान और कम खर्चीला तरीका है।


संक्रमण कई तरीकों से फैल सकता है, लेकिन सबसे आम रूपों में से एक हाथ से संचरण है। इसके बावजूद, इतने सारे लोग और बच्चे नियमित रूप से अपने हाथ नहीं धोते हैं। यदि वे धोते भी हैं, तो वे उन्हें ठीक से नहीं धोते हैं। शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन ने सार्वजनिक टॉयलेट का उपयोग करने वाले लोगों को देखा और सुविधाओं का उपयोग करने के बाद कितने लोगों ने अपने हाथ धोए। केवल 64% से 75% महिलाओं ने अपने हाथ धोए और 30% से 51% पुरुषों ने ऐसा किया। इन अध्ययनों में यह भी पाया गया कि केवल 5 प्रतिषत लोग लोग ऐसे थे, जिन्होंने ठीक प्रकार से पर्याप्त समय तक हाथ धोये।


हाथों की बेहतर धुलाई की महत्व को समझत हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि दुनिया भर में फैलने वाली कई बीमारियों की एक बड़ी वजह हाथों की ठीक से सफाई नहीं होना है। इसलिए विष्व स्वस्थ्य संगठन ने 5 मई को विश्व हाथ स्वच्छता दिवस के रूप में घोषित किया है।


यह बात सही है कि हाथों की स्वच्छता पूरी तरह से बीमारियों को नहीं रोक सकती। यह केवल सर्दी, फ्लू, कोविड -19 और अन्य संक्रामक रोगों को फैलने की संभावनाओं को कम कर सकता है। यह भी सही है कि यदि हम अपने हाथों को अधिक बार धोते हैं और बिना धुले हाथों से चेहरे, नाक और आंखों से दूर रखते हैं तो संक्रामक रोगों को फैलने से रोक सकते हैं।


रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, ‘हाथों को साफ रखना सबसे महत्वपूर्ण चरणों में से एक है जिसे हम बीमार होने और दूसरों तक कीटाणुओं को फैलाने से बचने के लिए ले सकते हैं।’ बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए सीडीसी भी हाथ धोने को बढ़ावा देता रहा है। यह साफ हाथों के सकारात्मक प्रभावों के बारे में कई तथ्यों को सूचीबद्ध करता है।


जैसे, दुनिया भर में प्रति वर्ष 1 मिलियन मौतें संभावित रूप से नियमित रूप से हैंडवाशिंग द्वारा रोकी जा सकती हैं। खाना बनाने और खाना खाने से पहले हाथ धोने से ई. कोलाई के प्रकोप जैसी कई खाद्य जनित बीमारियों को रोका जा सकता हैं। प्राथमिक स्कूल कक्षाओं में सेनिटाइजर से हाथ धोना स्कूल की अनुपस्थिति को लगभग 20% कम कर सकता है।


क्या आप सही तरीके से हाथ धो रहे हैं?


क्या बहते पानी के नीचे कुछ समय हाथ धो लेना पर्याप्त है, क्या यह हाथ धोने का एक उचित तरीका है? नहीं, यह आपके हाथों को पर्याप्त रूप से साफ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। साबुन और पानी से अपने हाथों को अच्छी तरह से धोने के लिए कुछ अतिरिक्त सेकंड (न्यूनतम 20 सेकंड) लेना संक्रमण से होने बाली कई बीमाईयों से आपको बचा सकता है।


प्रभावी ढंग से अपने हाथ धोने के सरल उपाय इस प्रकार हैं:-


अपने हाथों को साफ, बहते पानी से गीला करें


हाथो पर साबुन लगा कर झाग बनायें


अपने हाथ, हथेली के आगे और पीछे धोएं


उंगलियों के बीच और नाखूनों के बीच धोएं,


आप सुमन (SUMAN) शब्द से हाथ धोने के इन चरणों को भी याद रख सकते हैं:-


S =  सीधा


U = उल्टा


M = मुट्ठी


A = अंगूठा और उँगलियाँ


N = नाखून


कम से कम 20 सेकंड के लिए हाथ धोएं।


यदि आप हैंड सेनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं, तो तकनीक समान है। सुनिश्चित करें कि आपके हाथों पर कोई गंदगी तो दिखाई नहीं दे रही है, अन्यथा साबुन और पानी का उपयोग करें।


हमें यह तथ्य भी जान लेना चाहिए कि उचित तरीके से हाथ धोने से श्वसन संक्रमण को 20% तक कम किया जा सकता है। निमोनिया बच्चों की बचपन में मौत का नंबर एक कारण बना हुआ है। उचित तरीके से हाथ धोने से दस्त की दर 40% तक कम हो सकती है। डायरिया बच्चों की बचपन में मृत्यु का दूसरा सबसे आम कारण है।


इसी तरह यह जानना भी जरूरी है कि हाथ धोने के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय भोजन तैयार करने से पहले और वॉशरूम जाने के बाद होता है। केवल 20% लोग भोजन तैयार करने से पहले अपने हाथ धोते हैं। 75% से कम महिलाएं और 50% से कम पुरुष वॉशरूम जाने के बाद हाथ धोते हैं। औसत व्यक्ति अपने हाथों को धोने में 10 सेकंड से कम समय बिताता है।


तो आइए स्वस्थ रहने की पहली आदत को अपनाएं। कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएंगे।


 


◆ लेखिका - डॉ.मोनिका जैन, सर्च एंड रिसर्च डवपलपमेंट सोसायटी की चेयरपर्सन हैं। वे वैज्ञानिक जागरूता एवं विज्ञान संचार के क्षेत्र में कार्यरत हैं।