◆ हर साल 17 मई को मनाया जाता है विश्व दूरसंचार दिवस
◆ पहली बार 1969 में मनाया गया था विश्व दूरसंचार दिवस
◆ वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन एंड इंफॉर्मेशन डे
◆ विश्व संचार दिवस का उद्देश वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी और इंटरनेट के बारे में सकारात्मकता फैलाना है।
◆ विश्व दूरसंचार दिवस का उद्देश्य सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सूचना और संचार दोनों को आसानी से सुलभ बनाना है।
युवा काफिला, भोपाल-
इस दिन का मुख्य उद्देश्य इंटरनेट और नई प्रौद्योगिकियों द्वारा लाया गया सामाजिक परिवर्तनों की वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए है।
घोषणा
17 मई को हर साल दूरसंचार दिवस मनाया जाता है। दूरसंचार दिवस को साल 2005 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व सूचना समाज दिवस के रूप में घोषित किया। साल 2005 के बाद से 17 मई को विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस (WTISD) के रूप में मनाया जाने लगा। विश्व दूरसंचार दिवस पहली बार 1969 में मनाया गया था।
इतिहास
विश्व दूरसंचार दिवस 17 मई को मनाया जाता है। यह दिन 17 मई 1865को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना की स्मृति में विश्व दूरसंचार दिवस के रूप में जाना जाता था। वर्ष 1973 में मैलेगा-टोर्रीमोलिनोन्स में एक सम्मेलन के दौरान इसे घोषित किया गया। तभी से पूरे विश्व में इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके साथ नवम्बर 2006 में टर्की में आयोजित पूर्णाधिकारी कांफ्रेंस में यह भी निर्णय लिया गया था कि 'विश्व दूरसंचार' एवं 'सूचना' एवं 'सोसाइटी दिवस', तीनों को एक साथ मनाया जाए।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य इंटरनेट और नई प्रौद्योगिकियों द्वारा लाया गया सामाजिक परिवर्तनों की वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए है।
आधुनिक युग में फोन, मोबाइल और इंटरनेट लोगों की प्रथम आवश्यकता बन गये हैं। इसके बिना जीवन की कल्पना करना बहुत ही मुश्किल हो चुका है। आज यह इंसान के व्यक्तिगत जीवन से लेकर व्यावसायिक जीवन में पूरी तक प्रवेश कर चुका है। पहले जहाँ किसी से संपर्क साधने के लिए लोगों को काफ़ी मशक्कत करनी पड़ती थी, वहीं आज मोबाइल और इंटरनेट ने इसे बहुत ही आसान बना दिया है। व्यक्ति कुछ ही सेकेंड में बेहद असानी से दोस्तों, परिवार और सगे संबधियों से संपर्क साध सकता है। यह दूरसंचार की क्रांति है, जिसकी बदौलत भारत जैसे कुछ विकासशील देशों की गिनती भी विश्व के कुछ ऐसे देशों में होती है, जिनकी अर्थव्यवस्था तेज़ी से रफ्तार पकड़ रही है।
इंटरनेट की महत्ता
वर्तमान समय में दूरसंचार का एक बहुत बड़ा हिस्सा इंटरनेट है। इसमें कोई शक नहीं है कि जिन लोगों की पहुंच इंटरनेट तक है, उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इंटरनेट ने उनके जीवन को काफ़ी सरल बना दिया है। इसके जरिए हम असंख्य सूचनाओं को पलक झपकते ही मात्र कुछ चंद सेकेंड में प्राप्त कर लेते हैं। इंटरनेट सिर्फ सूचनाओं के लिहाज से ही नहीं, बल्कि सोशल नेटवर्किग से लेकर स्टॉक एक्सचेंज, बैंकिंग, ई-शॉपिंग आदि के लिए अब अहम बन चुका है। इसके लिए यदि किसी को सबसे अधिक श्रेय देना चाहेंगे तो गूगल जैसे सर्च इंजन इसके हकदार हैं। गूगल के ई-मेल, चैटिंग, वीडियो और वॉयस चैटिंग आदि से हजारों किलोमीटर की दूरियां सिमट कर अब चंद सेकेंड के फासले में बदल गयी हैं।
दूरसंचार का भविष्य
◆ 5G: साल 2020 को 5जी का साल घोषित किया गयाा है। लेकिन कोरोना महामारी ने इस पर ब्रेक गया दिया, हालांकि 5जी नेटवर्क के इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी बदलाव देखने को मिला है और आने वाले समय में इसमें काफी विकास होगा। गार्टनर ने भविष्यवाणी की है कि 2020 में दुनियाभर में 5G नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर रेवेन्यू 4.2 बिलियन डॉलर को छू जाएगा, जो 89 प्रतिशत की साल-दर-साल की वृद्धि दर्ज करेगा।
◆ क्लाउड कम्यूनिकेशन: 2020 में, क्लाउड कंम्यूनिकेशन पर होने वाला खर्च कुल तकनीक पर होने वाले खर्च का 70 फीसदी है। 2025 तक दुनिया भर में लगभग 80 फीसदी व्यवसाय क्लाउड कम्यूनिकेशन पर निर्भर होंगे। खास बात यह है कि लॉक डॉन डाउन ने इसके विकास को और तेज कर दिया है।
◆ डाटा एंड इंफ्रास्ट्रक्चर: डाटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट (DCIM) ने टेक्नोलॉजी को ऊपर ले जाने में काफी मदद की है। इसकी मदद से बिजली की खपत और स्वामित्व की लागत को कम करने में मदद मिलती है। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि इसकी वजह से वैश्विक व्यापार में अरबों डॉलर बचते हैं।
◆ बिजनेस के लिए चैट एप: आपको जानकर हैरानी होगी कि बिजनेस चैट एप्स पर एक मिनट में 41 मिलियन मैसेज भेजे जाते हैं और 2020 के अंत तक तीन अरब लोग चैट एप्स पर चैटिंग करेंगे। इसकी सबसे बड़ी खासियत चैट एप्स 24*7 उपलब्ध रहते हैं। इसके अलावा चैट एप्स आम सवालों के जवाब देने में सक्षम होंगे।
भारत में लोग डाउन के दौरान बढ़ा है डेटा का उपयोग
अब एक रिपोर्ट से पता चला है कि लॉकॉडाउन में भारत के लोग औसत 3,07,963 टेराबाइट (TB) डाटा खर्च कर रहे हैं।