◆ लॉक डाउन मे भी रेत माफियाओ की बल्ले-बल्ले
◆ खनिज विभाग नही करता कोई कार्यवाही
◆ लॉक डाउन में नदियों का सीना छलनी करती ट्रैक्टर की ट्रालियां
युवा क़ाफ़िला, नसरुल्लागंज -
आज एक ओर जहा पूरे प्रदेश मे लॉक डाऊन चल रहा है वही प्रदेश के मुखिया की बुधनी विधानसभा के नसरुल्लागंज के ग्राम नीलकंठ में लाक डाउन के चलते मां नर्मदा का प्राकृतिक सौंदर्य निखरा ही था की रेत माफियाओं ने फिर से शुरू कर दिया नर्मदा में गहरीकरण का कार्य नाव के माध्यम से प्रतिदिन रेत निकाल कर यह रेत माफिया 500 रूपय में एक ट्राली रेत लेकर वही यह रेत माफिया नगर नसरुल्लागंज सहित ग्रामीण क्षेत्र में तीन हजार से चार हजार रुपए रेट में बेच रहे हैं नगर नसरुल्लागंज के 8 किलोमीटर दूर नीलकंठ नर्मदा घाट जोकि मां नर्मदा का प्रमुख घाट माना जाता है । जिसका शास्त्रो मे भी वर्णन किया जाता है। नसरुल्लागंज तहसील में जहां हजारों की तादाद में स्नान ध्यान करने के लिए श्रद्धालु आए दिन आते रहते थे एब नसरुल्लागंज तहसील का एक मात्र मोक्षधाम है बही लॉक डाउन के चलते प्रतिबंध होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या कम होने से नर्मदा के इस घाट पर नर्मदा का प्राकृतिक सौंदर्य निखरने लगा था। वही करोड़ों की संपत्ति से बनाया नर्मदा पेडी घाट जो रेत माफिया पेडी घाट के ऊपर से ट्रैक्टर ट्राली निकाल कर ले जा रहे हैं । अपनी जान जोखिम में डालकर पेडी घाट के ऊपर से रेत से भरी ट्रैक्टर ट्राली निकाल कर ले जाते हैं । कभी ट्रैक्टर के पहिए ऊपर होते हैं तो कभी नीचे होते हैं इन लोगों को अपनी जान का कोई खतरा नहीं नजर आता ऐसे में नगर नसरुल्लागंज प्रशासन जोकि इस समय कोरोना,वायरस के चलते सक्रिय भूमिका में नजर आता रहा है। इन रेत माफिया पर शिकंजा क्यों नहीं कसा जाता? क्या कारण है कि रेत माफिया ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से रात्रि के 12:00 बजे से शुरू होकर सुबह 7:00 बजे तक बेफिक्र होकर आजादी से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं सूत्रों के अनुसार ट्रैक्टर ट्राली मालिक रात्रि 12:00 बजे से लेकर सुबह तक लोकेशन पर बैठे रहते हैं, ताकि उन्हें पता चल जाए इस समय पुलिस प्रशासन वह माइनिंग की गाड़ी कहां पर है। एक तरफ जहां पूरा जिला प्रशासन नगर प्रशासन कोरोना महामारी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, वहीं दूसरी ओर लाग डाउन में निर्माण कार्य की छूट क्या मिल गई रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हो गए रात हो या दिन शुरू हो गए। इनका खेल लॉक डाउन का बखूबी फायदा उठा रहे हैं यह लोग सरकार के द्वारा निर्माण कार्य के लिए मिली छूट का बखूबी फायदा उठा रहा है यह रेत माफिया गरीबों का शोषण कर महंगे दामों में बेच रहे रेत मजदूरों के द्वारा रात भर नाव के माध्यम से रेत निकाल कर कम रेट देकर प्रशासन का हवाला देकर नगर व ग्रामीण क्षेत्र में खूब मुनाफा कमा रहे हैं यह रेत माफिया रेत का अबैध कारोबार से ऐसा लगता है कि प्रशासन की मिलिभत कही ना कही नजर आ रही है ।
सूत्रो की माने तो खनिज विभाग की टीम की खबर पहले ही रेत माफियाओ को आ जाती है तो यहा भी वहीं पुरानी कहावत लागू होती है कि कहा है "बिभीषण जो कही ना कही से प्रशाशन को चूना लगा है।"