◆ छिंदवाड़ा कलेक्टर सुमन द्वारा जिले का निरीक्षण
◆ शेल्टर होम, महाराष्ट्र बॉर्डर, नवनिर्मित हॉस्पिटल पांढुर्णा और जांच नाका मैनीखापा का निरीक्षण
युवा काफिला,पांढुर्णा-
नवागत कलेक्टर से सौरभ कुमार सुमन के साथ एसपी विवेक अग्रवाल ने पांढुर्णा रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन 100 बिस्तरों वाले अस्पताल का निरीक्षण किया है और इसे कोविड-19 संक्रमण के मरीजों के उपयोग में लाने के निर्देश दिए। इसके लिए 25 दिनों का समय देकर इनके लिए आवश्यक सुविधाएं जुटाने को कहा।
कलेक्टर ने सख्त दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि कमरों में चार सौ बिस्तरों की व्यवस्था की जाए। जिसके लिए स्टाफ की कमी होने पर जिले से स्टाफ उपलब्ध कराने की बात कही। चूंकि सौंसर और पांढुर्णा महाराष्ट्र राज्य की सीमा से सटे है । इसीलिए यह हॉटस्पॉट बन सकते हैं, अतः स्वास्थ्य विभाग को सचेत रहना होगा। कलेक्टर और एसपी निरीक्षण के दौरान एसडीएम सीपी पटेल बीएमओ डॉ अशोक भगत, डॉ मिलिंद गजभिए,डॉ विनीत श्रीवास्तव, डॉ नीलेश धाधसे उपस्थित रहे।
कलेक्टर सुमन ने अस्पताल में ऑक्सीजन की सुविधा प्रदान करने के लिए जरूरी टेक्नीशियन को लाने के लिए स्पेशल पास जारी करने की बात कही । नगर पालिका अध्यक्ष प्रवीण पालीवाल ने कलेक्टर, एसपी से मुलाकात कर उन्हें नगरी क्षेत्र में एक भी कोरोनावायरस नहीं होने को लेकर बाजार शुरू कराने की मांग रखी। इस पर कलेक्टर ने कहा कुछ रियायतें जल्द ही दी जायेगी।
बंद पड़ी 108 की शिकायत
कलेक्टर को मीडियाकर्मी और वाहेगुरु फाउंडेशन 108 वाहन के बंद होने की समस्या बताई। इस पर कलेक्टर ने कहा कि 108 वाहन की सुविधा मंगलवार से प्रदान कर दी जाएगी । इसी तरह अस्पताल में रखी सोनोग्राफी मशीन को शुरू करवाने की मांग भी की गई। अस्पताल में सीजर ऑपेरशन में एनेस्थेटिक डॉक्टर को पदस्थ करने की मांग की गई।
बीएमओ हैं हार्ट पेशेंट
कलेक्टर ने बीएमओ डॉ भगत को सौंसर आना-जाना करने को लेकर फटकार लगाई । उन्होंने कहा कि जिस वाहन से आप अप-डाउन करते हैं वह वाहन थाने में खड़ा कर दिया जाएगा।पांढुर्णा सिविल अस्पताल की शिकायतें मिलती हैं तो कार्रवाई हो जाएगी । ज्ञात हो कि डॉ अशोक भगत 62 वर्षीय डॉक्टर हैं जिन्होंने जिले के तामिया जैसे सुदूर आदिवासी अंचल के ब्लॉक में सराहनीय कार्य किया है और लॉक डाउन के समय आम जनता डॉक्टर को ही भगवान की तरह पूज रहीं हैं और उनसे चिकित्सकीय सलाह लेना उचित मान रही हैं। ऐसे कठिन समय में नवागत कलेक्टर द्वारा बीएमओ पर नकेल कसना कहां तक उचित है?