मध्यप्रदेश उपचुनाव/ लॉक डाउन के बीच फिर चली उपचुनावों की बयार,कांग्रेस कर रही स्थानीय स्तर पर सर्वे

◆ मध्यप्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले वीरा राणा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त


अगस्त के बाद हो सकते हैं 24 विधानसभा सीटों के उपचुनाव


◆ मध्यप्रदेश उपचुनाव में बागियों 22 पूर्व विधायकों के आने से मची हैं खलबली
◆ भाजपा प्रदेश कार्यालय में बैठकों का दौर जारी


◆ भाजपा के दिग्गज बेचैन, संगठन में मची हलचल


◆ सभी 22 बागी पूर्व विधायकों का चुनाव लड़ना लगभग तय 


◆ ग्वालियर-चंबल संभाग में ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोधी रहे भाजपा दिग्गज अब खामोशी अख्तियार किए हैं


◆ अपने सियासी भविष्य को लेकर पशोपेश में है सभी दिग्गज  


◆ कांग्रेस डाल सकती हैं डोरे
◆ उपचुनाव को लेकर बीजेपी के पुराने कैंडिडेट कश्मकश में
◆ बीजेपी ने 2018 के हारे नेताओं को संगठन में दी जगह


◆ 2018 में भाजपा की ओर से चुनावी रण में उतरे ग्वालियर के जयभान सिंह पवैया से लेकर बमोरी के बृजमोहन सिंह किरार, गौरीशंकर शेजवार के पुत्र और सांची विधानसभा के प्रत्याशी मुदित शेजवार और सांवेर के विधायक रहे राजेश सोनकर सहित तमाम नेता पशोपेश में हैं।


युवा काफिला,भोपाल- 


आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा-कांग्रेस जोर-शोर से आरोप-प्रत्यारोप लगाकर माहौल बना रही हैं। भाजपा तो कोरोना लॉकडाउन के बावजूद संगठन को मजबूती देने में लगी है, यहां तक की भाजपा ने 24 जिलाध्यक्षों की सूची भी जारी कर दी, वहीं कांग्रेस की हालत इसके उलट हैं कई जिले ऐसे हैं जहां कार्यकारी अध्यक्ष कार्य कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस दावा कर रही है कि उपचुनाव में 24 में से 22 सीटें जीतकर वह पुनः सत्ता में वापस आ जाएगी।


जीतने वाले स्थानीय उम्मीदवार को दिए जाएंगे टिकिट 
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि इस बार टिकट वितरण में किसी नेता की नतो कोई गुटबाजी चलेगी और न सिफारिश चलेगी। लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे जारी हैैं और स्वच्छ छवि वाले दो नाम छांटे जाएंगे। छवि के साथ क्षेत्रीय और जातीय समीकरण सहित पूर्ववर्ती चुनावों के नतीजों का आकलन भी किया जाएगा। कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया को मात देने के लिए एकजुटता के साथ चुनाव लड़ना है।


कांग्रेस कर रही हैं माइक्रो स्टडी


मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस जादुई आंकड़े को हासिल करने के लिए सभी पहलुओं पर काम कर रही है। लॉक डाउन के दौरान पार्टी फिलहाल सभी 24 सीटों पर काम करने वाले जीतने हेतु फैक्टर्स की भी माइक्रो स्टडी कर रही है। पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों ने एक बात यह कर ली है कि इन सीटों पर किसी भी नेता की सिफारिश से टिकट नहीं दिया जाएगा। ऐसे लोगों को भी टिकट देने से बचा जाएगा जो चुनाव के वक्त एकाएक प्रकट होकर मीडिया और दिल्ली के जरिए दवाब बनाते हैं। पार्टी जानती है कि उपचुनाव उसके लिए आसान नहीं है और जरा सी चूक भी उसके अरमानों पर पानी फेर सकती है, इसलिए एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रख रही हैं।  


पार्टी का मानना है कि उपचुनावों में जीत का पहला मंत्र बेहतर उम्मीदवारों का चयन है, इसलिए, उम्मीदवार चयन के लिए नया फार्मूला अपना रही है। प्रदेश नेतृत्व ने कांग्रेस में टिकटों के वितरण के लिए नेताओं का कोटा सिस्टम समाप्त करने के संकेत दिए। कांग्रेस में इस बार टिकट विधानसभा क्षेत्र की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर फाइनल होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे कराने का निर्णय लिया है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने हैं, वहां प्राइवेट कंपनियों से सर्वे कराने का निर्णय लिया है। इससे जीतने वाले विधायक की आस्थाएं नेता की प्रति न होकर संगठन के प्रति होंगी और जीतने वाले उम्मीदवार सामने आ सकेंगे। केंद्रीय नेतृत्व ने इस बार उपचुनाव की पूरी जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंप दी है। 


राज्य विधानसभा की 24 सीटों के लिए उपचुनाव 


1 - जौरा,
2 - आगर (एससी), 
3 - ग्वालियर, 
4 - डबरा (एससी), 
5 - बमोरी, 
6 - सुरखी, 
7- सांची (एससी), 
8- सांवेर (एससी),
9 - सुमावली, 
10- मुरैना, 
11- दिमनी, 
12- अंबाह (एससी), 
13 - मेहगांव, 
14 - गोहद (एससी), 
15 - ग्वालियर (पूर्व), 
16 - भांडेर (एससी), 
17 - करैरा (एससी), 
18- पोहरी, 
19 - अशोक नगर (एससी), 
20 - मुंगावली, 
21- अनूपपुर (एसटी), 
22- हाटपिपल्या, 
23 - बदनावर, 
24 - सुवासरा