मध्य प्रदेश / मध्यप्रदेश में नहीं खुली शराब की दुकानें और हाईकोर्ट पहुंचे ठेकेदार,कोर्ट की डबल बेंच ने सरकार को दिया नोटिस

◆ शराब दुकान खोलने का मामला पहुंचा जबलपुर हाईकोर्ट
◆ प्रदेश के 30 शराब ठेकेदारों के तरफ से लगाई गई थी याचिका


◆ प्रदेश सरकार ने आज से ग्रीन और ऑरेंज जोन में शराब दुकानें खोलने के संबंध में आदेश जारी किया था


◆ ठेकेदारों का तर्क दुकानें नहीं खुलने से हुआ बड़ा नुकसान


युवा काफिला, भोपाल-


कोरोना संक्रमण (कोविड-19) के बीच मध्यप्रदेश शासन के शराब की दुकानें खोलने के मामले में शासन और ठेकेदार आमने-सामने आ गए। सरकार द्वारा पत्र क्र-एफ बी - 01-06/2020/2/पांच का आदेश प्रदेश में आज से शराब दुकानें खोले जाने के लिए जारी किया गया। परंतु शराब ठेकेदारों ने दुकानें नहीं खोलीं और सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए ठेकेदारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। मुख्य न्यायाधीश एके मित्तल तथा न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला की जॉइंट बेंचने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब शराब दुकानों के खुलने का निर्धारित समय कम कर दिया गया है तो इनके ठेकों की पूर्व निर्धारित रकम ( बीड राशि) क्यों नहीं घटाई जा रही है।


क्या हैं दायर याचिका में


याचिका में कहा गया हैं कि शराब के ठेके लेते समय 14 घंटो तक दुकान खोलने और वाइन शॉप के साथ आहाते संचालित करने की अनुमति दी गई थी। सम्पूर्ण विश्व में कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन  हैं । जिसके कारण 40 दिनों से वाइन शॉप बंद है और सरकार ने तय समय की कटौती के साथ ही दुकान खोलने में भी कठोर शर्ते लागू की है। फिर भी राज्य सरकार ने ठेकों की निर्धारित राशि ( बिड) कम करने के लिए कोई पहल नही की है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को 2 हफ़्तों के अपना जबाब देने का समय दिया।


30 शराब ठेकेदारों ने याचिका दायर की


मंगलवार को हाईकोर्ट में मां वैष्णो देवी इंटरप्राइजेज जबलपुर के आशीष शिवहरे समेत छिंदवाड़ा, लखनादौन, सिवनी, भोपाल, टीकमगढ़ औरअन्य जिलों के 30 शराब ठेकेदारों ने याचिका दायर की। अधिवक्ता राहुल दिवाकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट को तर्क दिया कि जब याचिकाकर्ताओं ने संबधित शराब दुकानों के ठेके लिए तो निविदा की शर्तें कुछ और थीं। इनके तहत शराब दुकानों को दिन में 14 घंटे खोले जाने की अनुमति थी। दुकान के साथ में शराब पीने के लिए अहाता संचालन की भी अनुमति थी। लेकिन 23 मार्च के बाद से परिस्थितियां बदल गईं हैं। इसके चलते याचिकाकर्ता ठेकेदारों को बड़ानुकसान हो रहा है। राज्य सरकार ने ठेकों की निर्धारित राशि कम करने के लिए कोई पहल नहीं की है। सरकार का पक्ष महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने रखा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया।


30 वाइन ठेकेदारों ने हाइकोर्ट में दायर की याचिका 


मंगलवार को हाईकोर्ट में जबलपुर के आशीष शिवहरे समेतमां वैष्णो देवी इंटरप्राइजेस,टीकमगढ़,छिंदवाड़ा, लखनादौन, सिवनी, भोपाल और अन्य जिलों के 30 शराब ठेकेदारों ने याचिका दायर की। अधिवक्ता राहुल दिवाकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट को तर्क दिया कि जब याचिकाकर्ताओं ने संबधित शराब दुकानों के ठेके लिए तो निविदा की शर्तें कुछ और थीं। इनके तहत शराब दुकानों को दिन में 14 घंटे खोले जाने की अनुमति थी। दुकान के साथ में शराब पीने के लिए अहाता संचालन की भी अनुमति थी। लेकिन लॉकडाउन 23 मार्च के बाद से परिस्थितियां बदल गईं हैं। इसके चलते याचिकाकर्ता ठेकेदारों को बड़ा नुकसान हो रहा है। राज्य सरकार ने ठेकों की निर्धारित राशि कम करने के लिए कोई पहल नहीं की है। सरकार का पक्ष महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने रखा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया।


सरकार का क्या हैं सर्कुलर


एक मई को मध्यप्रदेश सरकार के आबकारी विभाग ने वाइन दुकानें खोलने का सर्कुलर कलेक्टरों को भेजा था, लेकिन इस आदेश पर लिकर ठेकेदार असोसिएशन ने आपत्ति जता दी है। सोमवार को मुख्य सचिव आईसीपी केशरी के साथ  ठेकेदारों की बैठक हुई। ठेकेदारों ने कहा- शराब दुकानें बंद रखी जाएं। बैठक चल रही थी, इसी दौरान आबकारी विभाग ने दुकानें खेलने का आदेश जारी कर दिया। ठेकेदारों को इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने जनहित में दुकानें बंद करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन दबाव बनाता है तो हम कोर्ट जाएंगे। 


टेंडर के अनुसार 14 घंटे खोली जाना थी दुकानें
याचिका में कहा गया कि प्रदेश सरकार द्वारा जब वर्ष 2020 -2021 के लिए शराब ठेके के टेंडर आमंत्रित किए गए थे । तब परिस्थितियां भिन्न थीं और याचिकाकर्ताओं ने टेंडर के माध्यम से ठेके लिए थे। टेंडर के अनुसार ठेके की अवधि 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक थी। इसके अलावा दुकान का संचालन का समय 14 घंटे तक था। टेंडर आवंटित होने के दौरान उन्होंने निर्धारित राशि जमा कर दी । टेंडर शुरू होने के पहले ही करोना के कारण देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। इसके बाद लॉकडाउन अवधि में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा अब कुछ जिलों और इलाकों में शराब दुकान संचालन की अनुमति दीगई है। इन इलाकोंमें महज कुछ घंटे दुकान संचालन की अनुमति रहेगी। उनके द्वारा कई हजार करोड़ों में ठेका लिया गया है।


राशि कम की जाए
ठेकेदारों का कहना है कि लव डाउन के दौरान जितने भी दिन दुकान बंद रही हैं और दुकान संचालकों को नुकसान हुुआ है। उस कटौती का आकलन कर ठेका राशि उतनी कम की जाए। ऐसा नहीं करने पर उनकी जमा राशि वापस की जाए और नए सिरे से ठेके के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएं।इस याचिका की सुनवाई शराब ठेका को चुनौती देने वाली पहले दायर याचिकाओं की साथ की गई।बेंच ने याचिका की सुनवाई करते हुए टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी।