◆ कोविड-19 में कैसे रखे जीवनशैली
◆ क्या-क्या हुए हैं बदलाव
◆ कैसे निपटा जाए?
◆वायरस के साथ जीवन क्यों हैं जरूरी
युवा काफिला, भोपाल
कोरोना की विश्वव्यापी महामारी से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। ऐसा लगता है कि यह बीमारी बहुत लंबे समय तक हमारे साथ रहेगी। दुनिया भर की आर्थिक राजनीतिक और सामाजिक प्रक्रियाओं को यह बीमारी काफी हद तक बदलने वाली है। इसी के कारण हमारे जीवन शैली और उससे जुड़े सभी आयाम बदल जाने वाले हैं। ऐसे में बदलती जीवन शैली के साथ अपने आप को शारीरिक - मानसिक रूप से फिट रखना भी एक बड़ी चुनौती है। भविष्य में चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं इसके विषय में लेखक शाश्वत बाली हमें बता रहे हैं। शाश्वत बाली एक किशोर विचारक और लेखक हैं इनका निवास भोपाल स्थित हैं और कक्षा बारहवीं में पढ़ते है।
वे पुराने 'अच्छे दिन'
अच्छे पुराने दिनों को याद करें। जब जीवन की आजादी जहां आज से काफी अलग थी । हर जगह भीड़ और बहुत सारे लोग बहुत सारी गतिविधियां करते हुए नजर आते थे। उस समय भी बहुत सारी अव्यवस्था और परेशानी आपकी। लेकिन वह जिंदगी आज की इस अलग-थलग जीवन से काफी बेहतर थी । मैं बात कर रहा हूं कोविड-19 या कोरोना वायरस के आने के पहले हमारी जिंदगी और उससे आज की जिंदगी की तुलना के बारे में। इस महामारी के कारण लोगों के जीवन शैली में बड़ा नाटकीय बदलाव हुआ है। अब मन पूछता है कि हम पहले जितनी आसानी से किसी की दुकान पर जाकर कुछ भी खरीद लेते थे वैसे दिन फिर से कब आएंगे।
इन सब बातों पर विचार करते हुए मेरा या लेख अन्य लेखों से काफी अलग होगा क्योंकि मैं कई तथ्यों और जानकारियों पर गौर करना चाहूंगा। इन नई जानकारियों के जरिए मैं अपने तर्क और विचार सशक्त रूप से रखने की कोशिश करूंगा। मैं यहां विशेष रूप से छात्रों और किशोरावस्था के लिए जीवनशैली में बदलाव की बात करना चाहता हूं क्योंकि यह बदलाव अब समय की मांग बन गया है।
2020 एक आपदा:
अभी तक का यह समय काफी बेरहम रहा है। ये कोई अतिशयोक्ति या झूठ या मजाक नहीं है, यह एक सच्चाई है। वर्ष 2020 पूरी तरह से कई प्रकार की आपदाओं का वर्ष है, इन आपदाओं के कारण के कारण विश्व और कई देशों की प्रगति मे रुकावट पैदा हुई है। अभी हमारे सामने आये COVID-19 ने तो सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए हैं। इस महामारी से लड़ते हुए, सरकार ने जिस तरह तालाबंदी लागू की है उसके कारण हजारों जिंदगियां बर्बाद हो गई, लेकिन इसी के साथ लाखों-करोड़ों जिंदगी बच भी गई हैं। ऐसे ग्रामीण लोग जो दो जून की रोटी कमाने शहरों में आए हुए थे, अब वे अपने गांव लौटने को मजबूर हो गए हैं।
छात्रों के जीवन पर प्रभाव
कोविड-19 महामारी के प्रभाव अलग-अलग उम्र के लिए काफी अलग है। ठीक उसी तरह जैसे कि तेज हवा में कमजोर मकान और पक्के मकान पर एक जैसा असर नहीं होता। इस बीमारी के संदर्भ में किशोर उम्र के बच्चों की बात करना बहुत जरूरी है। किशोर उम्र में बच्चे बहिर्मुखी होते हैं और बाहर जाकर जीवन के बारे में बहुत कुछ सीखना चाहते हैं। ऐसे में इस बीमारी और इस तालाबंदी ने किशोरों के जीवन को पूरी तरीके से प्रभावित कर दिया है। इसी के साथ क्योंकि युवा जनसंख्या शहरों में अधिक है इसलिए शहर में तालाबंदी ने युवाओं और श्रमिकों के जीवन को तहस-नहस कर दिया है।
इन बदलावों के कारण दुनिया भर में अवसाद और सामाजिक असुरक्षा और अन्य मानसिक विकार काफी बढ़ गए हैं। इन विकारों की रफ्तार किसी तेज रफ्तार कार की गति से भी अधिक बढ़ रही है। इस सब का प्रभाव बच्चों के मासूम दिमाग पर पड़ रहा है। हर परिवार में इस समस्या को महसूस किया जा रहा है। इससे बच्चों के सामाजिक और व्यक्तिगत विकास में बड़ी समस्याएं आ रही हैं। पहले हम स्कूल - कालेजों और खेल के मैदानों में अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए खेल पाते थे। आजकल हम यह सब नहीं कर पा रहे हैं।
हमें साफ नजर आ रहा है कि तालाबंदी के कारण पढ़ाई लिखाई की पारंपरिक गतिविधियां बंद हो गई है। जल्दी ही इसका असर छात्रों के शैक्षणिक जीवन पर और उनके सीखने सिखाने की गतिविधियों पर पड़ने वाला है। इस स्थिति से बचने के लिए स्कूलों ने काफी कदम उठाए हैं । ऐसे कई कदम सफल हुए है, और कुछ बुरी तरह से विफल रहे है। यह चेतावनी किसी को निराशाजनक लग सकती है लेकिन मुझे लगता है कि इस बात की चर्चा करना जरूरी है। अगर हम समस्या के प्रति जागरूक रहेंगे तो ही कोई समाधान सोच पाएंगे।
व्यक्तिगत जीवन में सुधार
मनोवैज्ञानिक समस्याओं से बचने के लिए और अपना कैरियर बनाने के लिए कई तरह के उपाय करना जरूरी होंगे। यहाँ इसके लिए मैं कुछ चुनिंदा तरीकों कि बात करना चाहूँगा। मेरा लक्ष्य यहाँ यह है कि मेरी उम्र के बच्चे इन तरीकों को जान ले, और जितना संभव हो सके उनका उपयोग करें।
मेरे मन में जो सुझाव है वह इस तरह के हैं:
1. पढ़े और खूब पढ़ें:
पढ़ना क्यों जरूरी है और इससे क्या संभव है? इसे कोई भी ठीक से नहीं बता सकता। इसका महत्व हम सब जानते हैं। पढ़ना ज्ञान प्राप्ति का सबसे तेज और कारगर तरीका है। अभी जब तालाबंदी के दौरान हम सब घर में कैद हैं, तब हमें उपलब्ध किताबों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ना चाहिए।
2. पसीना बहाएं और कसरत करें:
कसरत करना और पसीना बहाना अकेलेपन की बोरियत और निराशा को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। किसी और उम्र में यह कठिन हो सकता है हो लेकिन किशोरों और युवाओं के लिए बहुत अच्छा होता है। अगर वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो इसके जरिए टेस्टोस्टेरोन और सेरोटोनिन हार्मोन्स का स्तर शरीर मे बढ़ाया जा सकता है। शरीर में ये दो हार्मोन बढ़ने पर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बढ़ता है।
3. कुछ ब्रेन बूस्टर खेल खेलें:
घर में खाली समय में दिमागी ताकत बढ़ाने वाले बहुत सारे खेल खेले जा सकते हैं। आजकल शतरंज या अंकगणित से जुड़े कई खेल है, जो ऑनलाइन उपलब्ध है। उनका ठीक इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
4. मनोवैज्ञानिक मदद:
इसी के साथ हम अपने किसी ऐसे दोस्त के मदद कर सकते हैं जो निराशा में डूबा जा रहा है। अपनी मदद करने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम दूसरों की मदद करें। इससे भाईचारा और प्रेम भी बढ़ता है। यह किशोर और युवावस्था में सबसे कारगर मनोवैज्ञानिक तरीका है।
5. नए अभ्यास और हुनर सीखें:
खाली समय का इस्तेमाल नए हुनर सीखने के लिए जरूर करें। हमारा मन एक पुराने पैटर्न के साथ जीते हुए बोर हो जाता है। ऐसे में नई चीजें सीखते हुए ना सिर्फ हम स्वस्थ रहेंगे, बल्कि हम नई जिंदगी के लिए नई और अच्छी आदतें भी विकसित कर लेंगे। इस समय आप इंग्लिश सीख सकते हैं, कंप्यूटर चलाना सीख सकते हैं, इंटरनेट पर सर्च करना या कोई नई भाषा भी सीख सकते हैं।
6.म्यूजिक सुनेे:
मुझे व्यक्तिगत रूप से संगीत बहुत पसंद है मैं मोजार्ट का फैन हूं मैं उन्हें सुनता हूं और मुझे बड़ी आत्म संतुष्टि मिलती है। अपने अनुभव समय कह सकता हूं कि अगर आपको ज्यादा सर्जनात्मक बनना है तो आप संगीत का सहारा ले सकते हैं। तनाव दूर करने के लिए संगीत से अच्छा कोई विकल्प नहीं, मैं मजाक नहीं कर रहा हूं यह एक जानी-मानी सच्चाई है।
इसी के साथ हमें कुछ सावधानियां भी रखनी होंगी:
लॉकडाउन ने सेहत पर बुरा असर डाला है। इस तनाव भरे माहौल में हम सभी का स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है। स्वस्थ और प्रसन्न रहने से ही हमारी प्रतिरोधक शक्ति बनी रहेगी, और हम कई तरह की बीमारियों से बचे रहेंगे। प्रतिरोध शक्ति बढ़ाने के लिए मैं यहां कुछ जरूरी बातें आपको बताना चाहता हूं:
1. स्वस्थ और फिट रहने के लिए व्यायाम और पसीना बहाना सबसे आसान तरीका है। लेकिन यह उतना आसान नहीं है जितना लगता है। इसके लिए सामान्य से अधिक शारीरिक मेहनत करने की जरूरत है। घर में कसरत करने की जरूरत है।
2. घर में ही कसरत करना ज्यादा अच्छा है। इससे हम बाहर निकलने पर होने वाले बीमारी के खतरे से बच सकते हैं। हालांकि घर में ही इस तरीके से कसरत करना और लोगों से मिलना जुलना से बचना थोड़ा मुश्किल लगता है। लेकिन क्या करें अब हमें इस तरह जीना सीखना पड़ेगा।
3. ऐसे समय में बाहर के खाने से बचना जरूरी है। बाहर से आर्डर किया हुआ खाना अब मिलना भी बंद हो गया है। एक लिहाज से या अच्छा भी है क्योंकि बाहर का खाना घर के खाने की तरह पौष्टिक नहीं होता। और आजकल तो घर का खाना ज्यादा जरूरी हो गया है। इससे ना सिर्फ हम संतुलित भोजन कर सकेंगे बल्कि बाहर के खानों के साथ आए जाने वाली बीमारी से जो बच सकेंगे। घर पर बोर होते हुए भूख लगने पर मैगी, पोहे, पकोड़े, उपमा इत्यादि जल्दी बनने वाले आइटम बनाना सीखा जा सकता है।
मानसिक उदासी से बचने के लिए कुछ और तरीके:
1. अगर आपको मदद की जरूरत है तो आपको निश्चित की मदद मांगने चाहिए। निराशा या अवसाद में दूसरों की मदद लेना बहुत जरूरी होता है।
2. किसी बड़ी उम्र के व्यक्ति से या विशेषज्ञ से भी मदद मांगी जा सकती है। समस्या अगर अधिक है, तो मानसिक रोग विशेषज्ञ सभी संपर्क किया जाना चाहिए।
3. पर्याप्त नींद लें:
एक अच्छी नींद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत जरूरी शर्त है। पर्याप्त नींद हमारे मन और शरीर की उत्पादकता को बढ़ाती है। ऐसे समय में अगर आपको ठीक से नींद नहीं आ रही है तो आपकी शारीरिक क्षमता और मानसिक क्षमता दोनों काम हो जायेंगे। यह दोनों मिलकर बड़ी खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती हैं।
4. सकारात्मक रहें और हर चीज विषय में उसकी पॉजिटिव दिशा पर ध्यान रखें। जिंदगी में बहुत कुछ नकारात्मक है और बुरा भी है, लेकिन अगर आप बुराई पर फोकस करेंगे तो आपके मन में बुराई बढ़ती जाएगी। इसलिए मेरा आपसे निवेदन है कि हर चीज की पॉजिटिव बात पर ध्यान रखें। ऐसा करते हुए आप हर तरह की निराशा और उदासी से बच सकेंगे।
5. यदि आप एक छात्र हैं और आप पहले से ज्यादा सृजनात्मक बनना चाहते हैं, तो आपको सेल्फ –हेल्प के बारे में लिखी हुई पुस्तकें और मोटिवेशन के बारे में लिखिए पुस्तकें पढ़नी चाहिए।
6. इसी के साथ अपने मनपसंद का साहित्य कविताएं कहानियां उपन्यास और कुछ इतिहास इत्यादि के बारे में भी पढ़ सकते हैं। किताबें हमारे बंद दिमाग को खोलने का काम करती हैं।
7. छोटे बच्चों के लिए कॉमिक्स या चित्र कथाएं आसान होती हैं इनसे नई जानकारियां मिलती है और मनोरंजन भी होता है।
8. नकारात्मक विचारों को चुनौती दें:
नकारात्मक विचारों को चुनौती देना जरूरी है। हमें सकारात्मक बातों पर फोकस करना चाहिए। नकारात्मक चीजें जीवन में बहुत अधिक होती हैं लेकिन हमें सकारात्मक चीजों की तरफ बढ़ना चाहिए। हमें सकारात्मक विचारों के साथ साथ बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए आध्यात्मिक आयाम में भी खोज करनी चाहिए। ।
सारांश :
अंत मे संक्षेप में मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं कि आप सभी मित्र अपने दिमाग को शांत और संतुलित रखें। नकारात्मक विचारों को मन से बाहर निकलने दें और अपने अंदर सकारात्मक तरंगे बनाए रखें। यह सब आपको निश्चित रूप से आपको तनाव और चिंता से निपटने में मदद करेगा। स्वस्थ और फिट रहने के लिए अधिक जानकारी हासिल करें और कसरत और व्यायाम करने के लिए पढ़ें। COVID-19 से सुरक्षित होने के लिए बाहर जाना बिल्कुल बंद कर दें। अगर बाहर जाना जरूरी हो तो हमेशा सुरक्षा उपकरण पहनें। इसके विषय में आप इंटरनेट पर बहुत सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
आप सबके लिए यह आलेख लिखते हुए मुझे बहुत खुशी हुई। मुझे उम्मीद है कि यह बातें आपको मदद करेंगी। याद रखिए हर कठिनाई एक बड़ी चुनौती के साथ अवसर भी लेकर आती है। मेरी तरह अगर आप भी पॉजिटिव दृष्टिकोण रखें नई बातें सीखते रहेंगे, तो आप अपना और अपने परिवार का बेहतर ख्याल रख पाएंगे। इस उम्मीद के साथ मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं और आप से वादा करता हूं कि जल्द ही एक नए विषय पर नया लेख लेकर आऊंगा।
विचारक - शाश्वत बाली
कक्षा -12 वीं, भोपाल (म.प्र.)