◆ कमलनाथ के दांवों से मध्यप्रदेश के राजनीति में मची खलबली
◆ उपचुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका देने की तैयारी
◆ कमलनाथ का दावा, हमारे संपर्क में हैं भाजपा के कई बड़े दिग्गज
◆ उपचुनाव से पहले असंतोष नेताओं पर भाजपा की नजर गढ़ी
युवा काफिला, भोपाल-
मध्यप्रदेश उपचुनाव से ठीक पहले सूबे की राजनीति फिर से गरमा गई है, हालांकि उपचुनाव के नतीजों से ही तय होगा कि एमपी किसके इशारे पर चलेगी। ऐसे में दोनों ही दलों ने वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया है कि भाजपा के कई वरिष्ठ दिग्गज नेता और विधायक हमारे संपर्क में हैं।
कोरोना के चलते भले ही उपचुनाव की तारीखों का अभी ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन प्रदेश की राजनीति इसे लेकर अब गर्माने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने दावों से सियासी तापमान को और बल दिया है। उपचुनाव से पहले उन्होंने दावा किया है कि बीजेपी के 6 पूर्व विधायक हमारे संपर्क में हैं। बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि पहले वो अपना घर बचाएं।
दरअसल, एमपी में 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। बीजेपी और कांग्रेस भी इसे लेकर तैयारी में जुटी है। क्योंकि इन्हीं सीटों के परिणाम से यह तय होगा कि एमपी में राज किसका रहेगा। चर्चा है कि बीजेपी 24 में से 22 सीटों पर सिंधिया के साथ आए लोगों को टिकट देगी। लेकिन पार्टी के सामने मुसीबत यह है कि उन सीटों से पूर्व में बीजेपी के विधायक रहे लोग बागी रुख अख्तियार कर सकते हैं। हाटपिपल्या से पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री साथ ही मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के सुपुत्र दीपक जोशी ने दिए भी हैं।
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◆ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बोल
वहीं, पूर्व सीएम कमलनाथ ने बीजेपी खेमे में बेचैनी बढ़ा दी है। कमलनाथ ने कहा है कि मेरे संपर्क में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता और विधायक हैं। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने प्रलोभन देकर सरकार तो बना ली है, लेकिन उपचुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर उन्हें बहुत कुछ झेलना होगा। बीजेपी की अंदरूनी कलह ही सरकार को ले डूबेगी। उन्होंने कहा है कि उपचुनाव वाले क्षेत्रों से 6 पूर्व विधायक हमारे संपर्क में हैं।
वहीं, उपचुनाव वाले क्षेत्रों में मनमुटाव की खबरों पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। सारी बातें मनगढ़ंत हैं। कार्यकर्ता और नेता पार्टी के साथ है, सभी लोग सारी परिस्थितियों को जानते हैं। वहीं, 22 बागियों को टिकट पर रामेश्वर ने कहा कि उनसे जो संवाद हुआ है, वही होगा। आलाकमान इसे लेकर कोई भी निर्णय लेंगे। हमारे नेताओं का भी मान-सम्मान बना रहेगा।
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भविष्य को लेकर चिंतित हैं बीजेपी के नेता
दरअसल, सिंधिया के लोगों के आने से उपचुनाव वाले सीटों से पूर्व में विधायक रहे बीजेपी के नेता अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। सूत्रों के अनुसार कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं। विंध्य क्षेत्र के एक नेता ने तो पिछले दिनों कमलनाथ से आकर मुलाकात भी की थी। चर्चा तो यहां तक है कि अगर इन्हें पार्टी टिकट नहीं देती है, तो ये नेता निर्दलीय भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ग्वालियर-चंबल संभाग के पूर्व मंत्री और भाजपा के एक बड़े नेता भी कांग्रेस के संपर्क में हैं। वे इस संभाग से अपने लिए मुफीद सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। बीजेपी में हाशिए पर गए ये पूर्व मंत्री भी अपना राजनीतिक पुनर्वास चाहते हैं। कहा जा रहा है कि अगर कोरोना की आपदा नहीं आई होती तो ये अब तक कांग्रेस में शामिल हो चुके होते।