हमले रोकने में नाकाम/ मध्यप्रदेश में सीएमओं पर हो रहे हैं लगातार हमले 

◆ 01 मार्च 2020 पाटन सीएमओ पूजा बुनकर के CMO ऑफिस पेट्रोल से फूंका


◆ 05 फरवरी 2020 जावर CMO सुरेखा जाटव को गोली से उड़ाने की धमकी


◆ 23 मई को ज्योति सुंहेरे CMO बुदनी के गाड़ी को घर के बाहर जलाया घटना में बाल बाल बची


◆ 25 मई को रतलाम जिले के नामली के मुख्य नगर पंचायत अधिकारी (सीएमओ) संदेश शर्मा पर जानलेवा हमला



युवा काफिला, भोपाल- 


सम्पूर्ण देश सहित मध्यप्रदेश अभी कोरोना संक्रमण से ही लड़ रहा हैं इसी बीच सूबे में सीएमओं पर लगातार हमले हो रहे हैं । शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात 3 बजे की घटना के अनुसार बुधनी के नगर परिषद सीएमओ ज्योति सुनहरे के घर के बाहर खड़ी कार में शुक्रवार रात दो अज्ञात बदमाशों ने पेट्रोल डाल कर आग लगा दी। इससे आग गेट तक फैल गई और घर के अंदर रखा सामान भी जल गया। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
घटना-
जानकारी के अनुसार, बुधनी नगर परिषद सीएमओ ज्योति सुनहरे के घर के सामने खड़ी कार रात तीन बजे के करीब अज्ञात बदमाशों ने पेट्रोल डाल कर आग लगा दी। जिससे कार जल गई। आग से मकान में लगा एसी और खिड़की का गेट भी जल गया। सूचना के बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। घटना के समय सीएमओ ज्योति सुनहरे के साथ उनकी मां और तीन साल की बेटी घर में सो रहे थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। इस मामले में बुधनी टीआई संध्या मिश्रा के अनुसार सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों की पहचान की जाएगी। घटना को लेकर जांच की जा रही है।  


केवल एक धारा लगाना पुलिसियां सिस्टम पर सवाल-हैं-


मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा एफआईआर में आईपीसी की धारा 436 के तहत कार्यवाही की गई हैं । जबकि फरियादी के कथनानुसार यह न केवल आगजनी हैं बल्कि आत्मघाती हमला हैं इसलिए धारा 307-308 भी लगाई जानी चाहिए ।


क्या हैं आईपीसी धारा 436 


भारतीय दंड संहिता की धारा 436 के अनुसार, जो भी कोई किसी ऐसे निर्माण का, जो मामूली तौर पर उपासनास्थान के रूप में या मानव-विकास के रूप में या संपत्ति की अभिरक्षा के स्थान के रूप में उपयोग में आता हो, नाश कारित करने के आशय से, या यह सभ्भाव्य जानते हुए कि वह तद्द्वारा उसका नाश कारित करेगा, अग्नि या किसी विस्फोटक पदार्थ द्वारा कुचेष्टा करेगा, तो उसे आजीवन कारावास या किसी भी अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
 लागू अपराध
गॄह आदि को नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा कुचेष्टा। सजा - आजीवन कारावास या दस वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।





भारतीय दंड संहिता की धारा 307 - हत्या करने का प्रयत्न


जब कोई इंसान किसी दूसरे इंसान की हत्या की कोशिश करता है और वह हत्या करने में नाकाम रहता है. तो ऐसा अपराध करने वाले को धारा 307 आईपीसी के तहत सजा दिए जाने का प्रावधान है। आसान लफ्जों में कहें तो अगर कोई किसी की हत्या की कोशिश करता है, लेकिन जिस शख्स पर हमला हुआ है, उसकी जान नहीं जाती तो इस तरह के मामले में हमला करने वाले शख्स पर धारा 307 के अधीन मुकदमा चलता है।


धारा 308 का विवरण - गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास

भारतीय दंड संहिता की धारा 308 के अनुसार, जो भी कोई इस तरह के इरादे या बोध के साथ ऐसी परिस्थितियों में कोई कार्य करता है, जिससे वह किसी की मृत्यु का कारण बन जाए, तो वह गैर इरादतन हत्या (जो हत्या की श्रेणी मे नही आता) का दोषी होगा, और उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।






और, यदि इस तरह के कृत्य से किसी व्यक्ति को चोट पहुँचती है, तो अपराधी को किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
लागू अपराध
1. गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास
सजा - 3 वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
2. यदि इस तरह के कृत्य से किसी भी व्यक्ति को चोट पहुँचती है
सजा - 7 वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।









मोबाईल के माध्यम से दी जा रही थीं धमकी- 


सीएमओं ने 30 अप्रैल 2020 को थाना प्रभारी को आवेदन देकर सूचना दी थीं कि किसी मोबाईल नम्बर से फ़ोन कर परेशान किया जाता हैं और भोपाल प्रवास के दौरान गाड़ी को रोकने या बार-बार ओवर-टेक करने की कोशिश की गई। पूर्व में सूचना देने पर भी पुलिस द्वारा ध्यान न देना प्रशासन की मंशा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता हैं।


सीएमओं ने की पुलिस बल की मांग 
फिलहाल सीएमओं ने सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल की मांग की हैं।


सीएमओं पर बीते 3 महीने में हमले


घटना 1-


जबलपुर के नगर परिषद पाटन की सीएमओ पूजा बुनकर के कार्यालय में अज्ञात बदमाशों ने योजना के तहत खिड़की से पेट्रोल डालकर आग लगा दी थीं।   मुख्य नगर परिषद अधिकारी के कार्यालय में सुनियोजित आग लगाने को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। भ्रष्ट्राचार की जांच, टेंडर प्रक्रिया जांच के साथ, अतिक्रमण कार्रवाई के लिए तैयार किए गए दस्तावेजों को जलाने की बात समाने आ रही है। आग में कार्यालय में रखे दस्तावेज, टेबल कुर्सी के अलावा विभाग की कई महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गईं हैं।


घटना 2-


इंदौर-भोपाल हाइवे पर स्थित सोल रिसोर्ट के कर्मचारी द्वारा 5 फरवरी 2020 को नगर परिषद जावर सीएमओं सुरेखा जाटव सहित स्टाफ को कचरा डालने से रोकने पर गोली से उड़ाने की धमकी दी गई थीं।


घटना 3-


दिनांक 25 मई को रतलाम जिले के नामली के मुख्य नगर पंचायत अधिकारी (सीएमओ) संदेश शर्मा पर नामली से रतलाम लौटते समय धौंसवास में कुछ अज्ञात बदमाशों ने हमला कर मारपीट कर दी। बड़ी बात यह है कि नामली के पूर्व सीएमओ अरुण ओझा ने फोन लगाकर धमकी दी थी व कहा था की कुर्सी खाली रखना, आ रहा हूं मैं। इसके बाद जानलेवा हमला हो गया।


घटना - 4 


23 मई को ज्योति सुंहेरे CMO बुदनी के गाड़ी को घर के बाहर जलाया घटना में बाल बाल बची