बुध्द पूर्णिमा/मोदी बोले विरासत में मिली हमें बुद्ध की शिक्षाएं

◆ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लोगों को संबोधित किया


◆ उन्होंने कहा है कि इस संकट की घड़ी में दूसरों की भी मदद करें


युवा काफिला,नई दिल्ली-


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि बुध्द एक विचार हैं जो भारत से ही विश्व में जाता हैं। अपने संबोधन की शुरूआत में पीएम मोदी ने कहा ‘सभी को विश्व भर में फैले भगवान बुद्ध के अनुयायियों को भगवान बुद्ध के जन्मोत्सव की अनंत शुभकामनाएं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे पहले भी आपका आशीर्वाद लेने का मौका मिलता रहा है ।दिल्ली और कोलंबो में मैं खुद शरीक हुआ था।’


जरूरतमंदों की करें मदद


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के इस संकट की घड़ी में लोगों की मदद करने की सख्त आवश्यकता हैं। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि हताशा और निराशा के दौर में भगवान बुद्ध की सीख और ज्यादा प्रासंगिक हो जाती है 


 


भारत हैं मजबूत


प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज आप भी देख रहे हैं कि भारत निस्वार्थ भाव से, बिना किसी भेद के अपने यहां भी और पूरे विश्व में कहीं भी संकट में घिरे व्यक्ति के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ा है। लाभ हानि, समर्थ, अलग, हमारे लिए संकट की ये घड़ी सहायता करने की है। जितना संभव हो मदद का हाथ आगे बढ़ाने की है। यहीं कारण है कि भारत को विश्व के अनेक देशों ने संकट की इस घड़ी में याद किया और भारत ने भी मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।’


भारत की प्रगति हमेशा विश्व की प्रगति में सहायक होगी


प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज भारत हर भारतवासी का जीवन बचाने के लिए का प्रयास कर रहा है और उतनी ही गंभीरता से अपने वैश्विक दायित्व भी निभा रहा है। साथियों, भगवान बुद्ध का एक-एक वचन, एक-एक उपदेश मानवता की सेवा में भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। बुद्ध भारत के बोध और भारत के आत्मबोध दोनों के प्रतीक हैं। इसी आत्मबोध के साथ भारत निरंतर पूरी मानवता और विश्व के हित में काम कर रहा है औऱ करता रहेगा। भारत की प्रगति हमेशा विश्व की प्रगति में सहायक होगी। हमारी सफलता के पैमाने और लक्ष्य दोनों समय के साथ बदलते रहते हैं लेकिन जो बात हमें हमेशा ध्यान रखनी है वो हमेशा ध्यान रखनी है वो ये है कि हमारा काम हमेशा सेवा का होना चाहिए। ‘


प्रधानमंत्री ने की अपील


पीएम मोदी ने कहा, जब दूसरे के लिए करूणा हो, संवेदना हो और सेवा का भाव हो तो ये भावनाएं हमें इतना मजबूत कर देती हैं कि बड़ी - बड़ी चुनौती से आप पार पा सकते हैं। जो दिन रात, हर समय मानवता की सेवा में जुटे रहते हैं वो ही बुद्ध के सच्चे अनुयायी है और यही भाव हमारे जीवन को प्रकाशमय करता रहे। इस मुश्किल परिस्थिति में आप अपना, अपने परिवार का ध्यान रखें और अपने साथ दूसरों की मदद करें।