भोपाल/पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आरोप मजदूरों को लेकर बेपरवाह हैं सरकार

◆ शहडोल-उमरिया में मातम


◆ शहडोल में 9 मजदूरों के शव परिजनों की आज्ञा से दफनाए गए थे


◆ उमरिया में पांच श्रमिको अंत्येष्टि हुई


युवा काफिला,शहडोल/उमरिया- 


शुक्रवार को औरंगाबाद में हुए वीभत्स रेल हादसे का शिकार हुए 16 मजदूरों के शव शनिवार को सुबह 11.30 बजे ट्रेन से जबलपुर लाए गए। इसके बाद उनके गृह जिलों शहडोल और उमरिया में उनके गांव ममान और चिल्हारी ले जाया गया। देर शाम शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अपनों के क्षत-विक्षत शव देखकर परिजन बदहवास हो गए। घर की महिलाओं को संभालना मुश्किल हो गया। शहडोल के अंतौली गांव में 9 मजदूरों के शव को परिजनों की इच्छा पर एक साथ दफनाया गया। वहीं उमरिया के ममान गांव में 4 और एक मजदूर की चिल्हारी गांव में अंत्येष्टि की गई। प्रशासन ने परिजनों को तत्कालिक राहत के तौर पर एक-एक लाख रुपए के चेक सौंपे है।


उमरिया के गांव ममान में मृतक श्रमिकों की अंत्येष्टि की गई।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का प्रदेश सरकार से सवाल


 


इससे पहले उमरिया से शवों को उतारकर ट्रेन रवाना हुई तो 4 बजे बजे शहडोल पहुंची। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में शवों को ट्रेन से उतरवाकर एंबुलेंस में गांव के लिए रवाना किया गया। हादसे में मारे गए 11 लोग शहडोल के अंतौली गांव के रहने वाले थे, यह सभी आपस में सगे-संबंधी थे। यह लोग एक ही मोहल्ले के रहने वाले थे। ऐसे में पूरे गांव में मातम पसरा रहा। मृतकों में तीन भाई भी थे। यहां 9 शवों को परिवार की इच्छा के बाद दफनाया गया। इसके पहले शाम को शवों को एंबुलेंस से गांव लाया गया।







उमरिया में प्रशासन ने कराया अंतिम संस्कार 


उमरिया जिले में आज औरंगाबाद ट्रेन हादसे में मरने वाले 5 श्रमिकों के शव विशेष ट्रेन द्वारा लाकर उनके गृह ग्राम ममान ले जाया गया, जहां पर प्रशासन की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कर दिया गया।ट्रेन के पहुंचने पर बड़ी संख्या में लोग स्टेशन के बाहर पहुंच गए। हालांकि, पुलिस ने सभी को बाहर रोक दिया। इसके बाद एंबुलेंस में चार मजदूरों के शवों को ममान पाली भेजा गया। इस एंबुलेंस में ही हादसे में जीवित बचे वीरेंद्र सिंह को भेजा गया। वीरेंद्र, शवों के साथ ही ट्रेन से पहुंचे थे। वहीं, एक अन्य मजदूर का शव चिल्हारी मानपुर भेजा गया।