◆ धन्य धरती महाराष्ट्र, जिसे भारत को पहली महिला शासक देने का श्रेय है
◆ वो सातवाहन कुल की बहू नागनिका थी,
◆ जिसके सिक्के महाराष्ट्र से मिलते हैं।
युवा काफिला, भोपाल
भारत के इतिहास में बतौर पहली महिला शासक प्रभावती गुप्त, रानी दिद्दा और रूद्रम्मा देवी से लेकर रजिया सुल्तान के नाम आते रहे हैं मगर रुकिए, भारत की पहली महिला शासक नाग कन्या नागनिका थी।
जिसका शासन प्रथम सदी ईसा पूर्व में था। जिसके चाँदी के सिक्के महाराष्ट्र से मिले हैं। सिक्कों के ठीक बीचों-बीच रानी नागनिका का नाम लिखा है। इसकी लिपि ब्राह्मी और भाषा प्राकृत है। आप इसे चित्र दो में देख सकते हैं।
लेखिका शुभांगी भडभडे ने मराठी भाषा में रानी नागनिका पर एक ऐतिहासिक उपन्यास लिखा है। उपन्यास में नागनिका के साथ-साथ पति सिरी सातकरणि और उनके दो पुत्र प्रमुख पात्र हैं। यह उपन्यास सातवाहन काल पर आधारित है। आप इसे चित्र एक में देख सकते हैं।
नागनिका का मातृ खानदान अंगीयकुल का था और अंगीयकुल मूलतः नागवंशीय था। ये अंगीयकुल के लोग महारठी लिखते थे।
गण पद्धति का आधार गण की सम्मिलित भूमि थी तथा उस भूमि का प्रजाजनों में सामान बंटवारा था। उक्त नियम का सविस्तार प्रतिपादन करते हुए एच. एल. कोसारे महोदय लिखते हैं -
(भिक्खु धर्म रक्षित "बुद्ध कालीन भारत का भौगोलिक परिचय" सारनाथ बनारस पृष्ठ 15) "दमिल रट्ठ" था द्रविड़ राष्ट्र है। यह राट का समानार्थी रूप है अतः महार गण की राट यानी "भूमि" अर्थात रट्ठ। अतः महार + रट्ठ = महारठ अर्थात महाराष्ट्र हुआ यानी राष्ट्र अर्थात गण की सम्मिलित भूमि। यहीं महारठी आधुनिक महाराष्ट्र के महार लोग हैं। महारठियों के कुछ सिक्के उत्तरी मैसूर से मिलते हैं। जिनसे पता चलता है कि वे काफी शक्तिशाली थे।
Coin of Queen Nagnika
महारठी उपाधि धारक अंगीयकुल की बेटी नाग कन्या नागनिका की शादी जब सातवाहन घराने के सिरी सातकरणि से हुई। तब बौद्ध सभ्यता की पताका फहराने वाले सातवाहन वंश के गौरव में इजाफा हुआ।
सिरी सातकरणि की मृत्यु के बाद नागनिका ने सातवाहन साम्राज्य का बतौर शासक संचालन किया और इस प्रकार उन्हें भारत की पहली महिला शासक होने का श्रेय है।
- डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह
विदेशी आर्यो का नाग वंशियो से झगड़ा है और हम नागों के वर्तमान वंशज है!
अब नाग वंशीय ही जीतेंगे क्यों कि अब डीएनए का हथियार हमारे पास है।