बैतूल/ लॉक डाउन के दौरान दवाई लेने निकले वकील को दाढ़ी होने के चलते पुलिस ने मारा, वकील पहुँचा कोर्ट

◆ बैतूल में इस्लामफोबिया


◆ पुलिस ने वकील को पीटा


◆ वकील हैं रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित


◆वकील पहुँचा हाईकोर्ट


 



                       फ़ोटो : साभार द लल्लन टॉप 


युवा काफिला, बैतूल - 


मध्यप्रदेश के बैतूल में इस्लामाफोबिया और पुलिस की मनमानी का मामला सामने आया है। 23 मार्च को एक वकील दीपक बुंदेले को राज्य की पुलिस ने तब बेरहमी से पीटा था जब वह उपचार के लिए सरकारी अस्पताल जा रहा था। एक महीने बाद वह अपनी शिकायत वापस लेने के लिए पुलिस के दबाव में है। पुलिस अधिकारियों ने अपने बचाव में बुंदेले से कहा कि उसकी पिटाई इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने गलत तरीके से उकी पहचान एक मुस्लिम व्यक्ति के रूप में की थी।


                         बुंदेले ने कहा कि 23 मार्च को शाम 5.30 बजे से 6 बजे के बीच जब उसे रोका गया तो वह अस्पताल जा रहा था। तब देशव्यापी लॉकडाउन लागू नहीं हुआ था लेकिन बैतुल में धारा 144 लागू कर दी गई थी। मैं पिछले 15 वर्षों से मधुमेह और रक्तचाप का रोगी हूं। चूंकि मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था, इसलिए मैंने अस्पताल जाकर कुछ दवाएं लेने का फैसला किया लेकि पुलिस ने मुझे बीच में ही रोक दिया।


दाढ़ी रखने वाले बुंदेले ने कहा कि - उन्होंने पुलिस कर्मियों को समझाया कि उन्हें अपनी दवाइंया लेनी हैं, लेकिन उसमें से एक ने बिना यह सुने कि मैं क्या कहने की कोशिश कर रहा हूं, मुझे थप्पड़ मार दिया।


‘मैंने उनसे कहा कि उन्हें संवैधानिक सीमा के भीतर काम करना चाहिए, और अगर पुलिस ऐसा सोचती है तो मैं भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत हिरासत में लेने के लिए तैयार हूं। यह सुनकर पुलिस कर्मियों ने अपना आपा खो दिया और भारतीय संविधान व मेरा उत्पीड़न करना शुरु कर दिया। कुछ समय के भीतर कई पुलिस अधिकारी आए और मुझे लाठी से पीटना शुरू कर दिया।