अंतर्राष्ट्रीय प्रकाश दिवस/ मनुष्य के लिए अत्यंत उपयोगी है प्रकाश
◆ भारत 1946 से है यूनेस्को का सदस्य

◆ यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन का लघु रूप है

◆ यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस फ्रांस में है

◆ भारत 1946 में यूनेस्को का सदस्य

◆ यूनिवर्स को अंतर्राष्ट्रीय इमारतों,वैश्विक धरोहरों वाले पार्को और शैक्षणिक साक्षरता को सदृढ़ करने का कार्य करता हैं

◆ 16 मई, 2018 को संपूर्ण विश्व में पहला ‘अंतरराष्ट्रीय प्रकाश दिवस’ (International Day of Light) मनाया गया।


◆ यह दिवस विज्ञान, संस्कृति कला, शिक्षा और सतत विकास, और औषधि, संचार और ऊर्जा के विविध क्षेत्र में प्रकाश की भूमिका के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।


◆  वर्ष 1960 में भौतिकशास्त्री और इंजीनियर थियोडोर मेमन (Theodore Maiman) द्वारा लेजर के पहले सफल संचालन की याद में (सालगिरह के उपलक्ष्य में) प्रतिवर्ष 16 मई को यह दिवस मनाया जाता है।


◆ 7 नवंबर, 2017 को यूनेस्को के सामान्य सभा के 39वें सत्र में 16 मई को इस दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी।



युवा काफिला भोपाल-

आज लॉक डाउन के बीच मनाने जा रहे हैं हम अंतरराष्ट्रीय प्रकाश दिवस, तो आइए जानें कि विश्व में प्रकाश दिवस आखिर क्यों मनाया जाता है। 

 

16 मई 2020 को होना था तीसरा संस्करण

 

16 मई को वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय प्रकाश दिवस के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम का दूसरा संस्करण 2019 में आयोजन हुआ। कोरोनाा वैश्विक महामारी के चलते फिजिकल डिस्टेंसिंग को ध्यान मेंं रखते हुुए यह आयोजन लिमिटेड एडिशन में किया जायेगा।

 

सबसे अच्छे फोटोग्राफ्स सूर्योदय की मॉर्निंग लाइट में आते हैं

इट व शेड नहीं हो तो तस्वीर ही नहीं आएगी। अंधेरे की चमक में भी जो ऑब्जेक्ट दिखाई देते हैं उसे शेड कहते हैं। सबसे अच्छे फोटोग्राफ्स सूर्योदय की मॉर्निंग लाइट में आते हैं

इसीलिए शायद दक्षिण भारत में सूर्योदय के समय विवाह कार्यक्रम संपन्न होते है। 

सूर्योदय के बाद के डेढ़ घंटे के समय में आप सबसे अच्छी तस्वीरें ले सकते हैं क्योंकि इस वक्त परफेक्ट लाइट रहती है। फोटोग्राफी सीखने वालों को यदि सूर्योदय, दोपहर और सूर्यास्त के वक्त एक ही जगह का फोटो लेना चाहिए और फिर वे इस फोटो में तुलना करें तो वे तीनों वक्त की लाइट का महत्व समझ सकते हैं। इसी तरह अलग-अलग समय पर शूट करने जाएंगे तो अलग-अलग समय की लाइट में फोटोग्राफी का फर्क पता चलेगा।

कैमरा हो स्टेबल तो आती हैं बढ़िया फोटोग्राफ

कम रोशनी में अच्छे फोटोग्राफ प्राप्त करने के लिए सबसे जरूरी यह है कि आपका कैमरा स्टेबल होना चाहिए। मतलब फोटो लेते वक्त कैमरा हिलना नहीं चाहिए। वैसे आजकल कैमरों और मोबाइल कैमरों में इनबिल्ट स्टेबलाइजर्स आने लगे है जिससे कैमरे के हिलने का असर नियंत्रित रहता है। कम रोशनी में यदि सब्जेक्ट मूव न कर रहा हो तो भी आप स्टेबल कैमरे से अच्छी तस्वीरें ले सकते हैं।

आईएसओ मोड का महत्व


कैमरों में आजकल आईएसओ मोड भी रहता है जो लाइट की सेंसिटिविटी को इंगित करता है। आप ज्यादा आईएसओ से कम रोशनी में अच्छी तस्वीरें ले सकते हैं। इसके साथ ही शटर स्पीड कम और अपार्चर ज्यादा रखकर भी कम रोशनी में अच्छी तस्वीरें ले सकते हैं। अच्छे फोटो खींचने का बुनियादी फार्मूला यही है कि रोशनी के स्रोत के सामने कभी कैमरा नहीं रखें। फोटो खीचने वाले की पीठ रोशनी के स्रोत के सामने होनी चाहिए।


यूनेस्को कहिन


यह यूनेस्को का एक आधिकारिक आचरण है, जो केन्द्रीय रूप से प्रत्येक वर्ष  प्रकाश का निरंतर मूल्यांकन करता है और इसकी विज्ञान, संस्कृति, और कला, शिक्षा, सतत विकास, संचार और ऊर्जा के क्षेत्र में मुख्य भूमिका है।


स्रोत : यूनेस्को