शिवराज कैबिनेट: मंत्री पद से वंचित बड़े नेता आखिर कब बनेंगे मंत्री

शिवराज कैबिनेट: ये हैं मंत्री पद से वंचित बड़े नेता, मंत्री न बनाने से सब हैं हैरा


नेता प्रतिपक्ष रहे गोपाल भार्गव को भी नहीं मिली जगह


◆ पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह लाए थे बागी विधायकों का इस्तीफा और उन्हें न मिली मंत्रीमंडल में जगह


◆कमलनाथ बोले: भाजपा में आंतरिक संघर्ष चल रहा है



युवा काफिला, भोपाल


शिवराज कैबिनेट में भाजपा के दिग्गज और बड़े नेताओं को जगह नहीं मिलने की चर्चा पूरे मध्यप्रदेश में है। भाजपा पदाधिकारियों से लेकर इनके क्षेत्र के कार्यकर्ता भी इस बात से हैरान हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और आठ बार के विधायक गोपाल भार्गव को इस कैबिनेट में जगह नहीं मिलने की सबसे ज्यादा चर्चा है। भार्गव जैसे कई बड़े भाजपा नेताओं कैबिनेट मंे जगह नहीं मिलने से कांग्रेस ने शिवराज और भाजपा पर तंज कसे हैं।


जनता के साथ मजाक किया: कमल नाथ


शिवराज कैबिनेट गठन के तत्काल बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना महामारी के संकट के इस दौर में आज मंत्रिमंडल गठन से भाजपा ने प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता के साथ मजाक किया है। एक माह बाद मंत्रिमंडल का गठन वो भी सिर्फ 5 मंत्री, कोई विभाग का बँटवारा नहीं? इसी से समझा जा सकता है कि भाजपा ने कितना अंतर्द्वंद चल रहा है, कितना आंतरिक संघर्ष चल रहा है।


कमल नाथ ने कहा कि प्रलोभन का खेल खेलकर इन्होंने कांग्रेस की स्थिर सरकार तो गिरा दी, अपनी सरकार बना ली लेकिन यह सरकार ये चलाएँगे कैसे ? कितने दिन चलायेंगे ? आगे-आगे देखिये? एक अन्य ट्वीट में कमल नाथ ने कहा कि इस मंत्रिमंडल के गठन से ही इनके संघर्ष की वास्तविकता सामने आ चुकी है। आज के मंत्रिमंडल गठन में ही भाजपा के कई जमीनी संघर्ष करने वाले अनुभवी, ईमानदार, योग्य, संकट के इस दौर में जिनके अनुभव की आज आवश्यकता थी, वो सब नदारद और जो संकट में भाग खड़े हुए वो अंदर।


और इनके सपने रह गए अधूरे


कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि प्रदेश मंत्रिमंडल में इंदौर से मंत्री बनना थे मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, रमेश मेंदोला, पर बने कांग्रेस से आये तुलसी सिलावट…। सागर से बनना थे गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, बने कांग्रेस से आये गोविन्द राजपूत। बनने थे राजेंद्र शुक्ल, यशोधरा राजे, विजय शाह, पारस जैन, गोरीशंकर बिसेन, अरविंद भदोरिया, करण सिंह वर्मा, सीताशरण शर्मा, नागेंद्र सिंह, संजय पाठक, विश्वास सारंग, यशपाल सिसोदिया, रामपाल सिंह, जगदीश देवड़ा….? पर बने अवसरवादी- दलबदलू…?