मप्र में एस्मा/कोरोना के चलते शिवराज सरकार ने लगाया प्रदेश में एस्मा

भोपाल-


कोरोना महामारी दिन-ब-दिन जानलेवा होती जा रही हैं । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एस्मा लगा दिया है। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर दी है, जिसके बाद कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। वहीं अति आवश्यक सेवा से जुड़े कर्मचारियों को सरकार के निर्देश का पालन करना होगा।


क्या हैं एस्मा


आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्‍मा) हड़ताल को रोकने हेतु एस्‍मा लगाया जाता है। एस्‍मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्‍य माध्‍यम से सूचित किया जाता है। एस्‍मा का नियम अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है। एस्‍मा लागू होने के उपरान्‍त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध‍ एवं दण्‍डनीय है। क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 (5 ऑफ 1898) के अन्‍तर्गत एस्‍मा लागू होने के उपरान्‍त इस आदेश से सम्‍बन्‍धि किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्‍ट के गिरफतार किया जा सकता है।


सरकारें क्यों लगाती हैं एस्मा?


सरकारें एस्मा लगाने का फैसला इसलिये करती हैं क्योंकि हड़ताल की वजह से लोगों के लिये आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की आशंका होती है। जबकि आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून यानी एस्मा वह कानून है, जो अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लिये लागू किया जाता है।
इसके तहत जिस सेवा पर एस्मा लगाया जाता है, उससे संबंधित कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते, अन्यथा हड़तालियों को छह माह तक की कैद या ढाई सौ रु. दंड अथवा दोनों हो सकते हैं।