मानवता: बेटे ने कोरोना संक्रमित पिता का शव लेने से किया इनकार, तो तहसीलदार ने दी मुखाग्नि

◆ बेटे ने कोरोना संक्रमित पिता का शव लेने से किया इनकार, तो तहसीलदार ने दी मुखाग्न


◆ भोपाल की इस घटना ने खींचा सबका ध्यान
शाजापुर के मरीज का भोपाल के तहसीलदार ने किया दाह संस्कार


 


युवा काफ़िला,भोपाल- 


इसे कोरोना का डर कहें या इस वायरस के बचाव के प्रति जागरूकता। इसने लोगों को अंदर तक बदल कर रख दिया है। इस डर ने जहां रिश्ते-नातों की संवेदनाएं खत्म कर दी हैं, वहीं डर से निडर होकर मानवता की सेवा का भाव भी लोगों में जगाया है। आज भोपाल में ऐसा ही एक घटना ने सबका ध्यान खींचा। कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद उनके परिजनों से उनका शव लेने से इंकार दिया। इस शव का अंतिम संस्कार भोपाल के एक तहसीलदार ने किया।


मध्य प्रदेश के उज्जैन संभाग के शुजालपुर निवासी कोरोना से पीडित एक व्यक्ति की मृत्यु पर एक तहसीलदार ने मानवता का सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत कर जिला प्रशासन की ओर से सच्ची श्रदांजलि दी।


स्व. प्रेम सिंह मेवाड़ा शुजालपुर की कोरोना पॉजिटिव होने से मृत्यु हो गई थी। उनके बेटे संदीप मेवाड़ा और परिवार वालों ने मृतक की बॉडी लेने से मना कर दिया। अन्य कोई भी व्यक्ति बॉडी उठाने और अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं था। ऐसे में तहसीलदार बैरागढ़ गुलाब सिंह बघेल ने कोरोना संक्रमित मरीज स्व. प्रेम सिंह मेवाड़ा का मानवता के नाते अंतिम संस्कार कर सच्चा उदाहरण पेश किया। विगत 2 दिन से प्रेम सिंह मेवाड़ा का शव मोर्चरी में रखा रहा। उनके परिवार ने शव लेने से मना किया और जिला प्रशासन द्वारा ही अंतिम संस्कार कराने के लिए दबाब बनता रहा। उन्होंने अंतिम समय तक शव को लेने से मना कर दिया, जबकि जिला प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार सारी व्यवस्थाएं कर दी थीं।


पीपीई किट, सेनेटाइजर, ग्लब्स आदि देने के बाद भी मृतक के पुत्र संदीप मेवाड़ा ने मुखाग्नि देने से मना कर दिया, इस निर्णय में मृतक की पत्नी और उनके साले भी साथ थे। आज दोपहर सब व्यवस्था होने के बाद जब परिवार ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया तो तहसीलदार श्री गुलाब सिंह बघेल ने मृतक को मुखाग्नि देकर मानवता की मिसाल पेश की। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने तहसीलदार को शाबासी दी और उनके इस उत्तम कार्य के लिए प्रशंसा की।