लॉकडाउन कला को निखारने और अपने शौक और क्रिएटिविटी को बाहर लाने का अच्छा अवसर - रसिका आशीष मोटघरे

◆ कोरोना माहमारी( कोविड-19) की वजह से भारत मे लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया हैं 


◆ लम्बे समय से घरों में कैद हैं लोग 


◆ लॉकडाउन 2.0 के चलते कलाकारों की कला आ रहीं हैं बाहर


युवा काफिला, भोपाल- 


यदि दिल में चाहत हो और कितनी ही मुश्किलें क्यों न आए 
ख्वाहिशें पूरी करने की ज़िद उसे पूरा करके ही दम लेती हैं। कुछ ऐसा ही किस्सा हैं राजधानी की महिला रसिका आशीष मोटघरे का जिन्होंने ऑफिस और घर की सरपट पटरी पर भागती जिंदगी के बीच अपनी रचनात्मक कला से किनारा कर लिया और फिर लग गई परिवार के साथ जिंदिगी का तानाबाना बुनने । जी हां आमतौर पर महिलाओं का जीवन शादी के बाद कुछ ऐसा ही हो जाता हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण जारी लॉकडाउन ने लोगों को घरों में रहने के लिए मजबूर कर दिया । शहर की रसिका ने घर में पड़ी पुरानी चीजों जैसे-गमले, मटके सजावट के पेड़ -पौधों के माध्यम से उन्हें उपयोगी बनाकर और उससे कुछ ऐसे डिजाइन बनाए हैं जो देखने में काफी आकर्षक लगते हैं जिनका प्रयोग घरों तथा गार्डनों की सुंदरता को निखारने में किया जा रहा हैं।
अपनी रचनात्मकता और क्रिएटिव आर्ट को प्रोत्साहित करने वाले रसिका के जीवनसाथी आशीष मोटघरे और उनकी सहेली दुर्गा फरकसे हैं ।


आशीष हैं एक अच्छे चित्रकार


कहते हैं कि एक कलाकार ही कलाओं की कद्र करना जनता हैं हुआ भी कुछ ऐसा ही आशीष पेशे से कौटिल्य एकेडमी भोपाल में कार्यरत हैं और वे स्वयं कभी - कभी शौक़िया तौर पर चित्रकारी करते हैं लेकिन समय के अभाव में कलाकारी बहुत मुश्किल कार्य हैं ।


शादी के निमंत्रण कार्डो से बना दिए सुंदर लिफाफे


दोस्तों और पति से प्रेरणा पाकर उन्हें यह महसूस हुआ कि क्यों न हमारे घर में जो पुरानी चीजें है उन्हें उपयोग में लाया जाए और उससे कुछ क्रिएटिव किया जाए तब उन्होंने घर में बेकार वस्तुओं को जो अमूनन काम नहीं आती उन्हें लेकर काम शुरू किया, साथ ही ऑफिस के चलते घर के जिन कलात्मक कार्यो के लिए समय नही मिल पाता था उन्हे भी पूरा करने का कार्य किया । 
                 उन्होंने घरो में रखे हुए शादी के आमंत्रण कार्ड से उपयोगी लिफाफे बनाए जिन्हे उपहार देने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसके आलावा बेकार बोतलों को आकर्षक गमलो के रूप में उपयोग करना ।


त्योहारों के लिए बनाई आकर्षक पूजा की थाली 
घर पर पड़े हुए टूटे आभूषणों के हिस्सों से पूजा की थाली बनाई और टूटे हुए गमलो से होम डेकोर किया।


बनाया मोबाइल बेक कवर - 
घर पर रखे कपड़े औरफेविकॉल की मदद से मोबाइल का बेक कवर बनाया। 


डिजिटल पेंटिंग्स बनाना इनका शौक हैं । खाली समय में अपने मित्रों व परिजनों को फिजिकल डिस्टेंसिंग, सेनिटाईजर तथा मास्क का उपयोग करने के बारे में समझाते हैं । इस प्रकार घर में रहकर रचनात्मक कार्य कर रहे हैं।


बना रहीं हैं होम मेड डिजाइनर मास्क - 


रसिका ने बताया कि आज संपूर्ण विश्व कोरोना नामक महामारी से भयभीत और ग्रसित है। ऐसे विषम परिस्थितियों में बहुत से सामाजिक तथा स्वयंसेवी जन सह्रदय से मास्क और सैनिटाइजर का वितरण कर रहे हैं। हमारी सोसाइटी माधवराव वेलफेयर सोसायटी द्वारा भी मास्क और सैनिटाइजर का वितरण किया जा रहा है।