◆ जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उसे कोरोना संक्रमण सबसे पहले अपनी गिरफ्त में लेता है।
◆ गर्भावस्था में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
◆ बढ़ते कोरोना के मामले प्रेग्नेंट और स्त्री रोग विशेषज्ञों के लिए थोड़ी मुश्किल भरे साबित हो रहे हैं।
◆ जरा सी चूक संक्रमण को न्यौता दे सकती है।
युवा काफिला, भोपाल-
गर्भावस्था के दौरान प्रेग्नेंट महिला को अपनी नियमित जांच, सोनोग्राफी, हेल्दी डाइट को लेकर थोड़ी जद्दोजहद करना पड़ रही है, क्योंकि इस वक्त जरा सी चूक संक्रमण को न्यौता दे सकती है।
प्रेग्नेंट्स का कहना है कि उन्हें नियमित चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाने में परेशानी आ रही है तो डॉक्टर्स भी इसलिए बुलाना नहीं चाहते कि कहीं रास्ते में या किसी भी तरह प्रेग्नेंट महिला संक्रमण की चपेट में न आ जाए। ऐसे में टेलीकम्यूनिकेन के जरिए डॉक्टर्स महिलाओं को सलाद दे रहे हैं। यदि कोई टेस्ट जरूरी है तो उसकी रिपोर्ट भी वॉट्सएप पर ही देख रहे हैं। मौजूदा समय में कोई वीडियो कॉल पर सलाह-मशवरा कर रहा है तो कोई वाट्सएप पर प्रिस्क्रिप्शन दे रहा है, कोई यूट्यूब की लिंक शेयर कर गर्भवतियों व प्रेग्नेंट को व्यायाम, खानपान, दवाई और रख रखाव की बात सिखा रहा है।
बढ़ जाता है इन्फेक्शन का खतरा
प्रेग्नेंट, प्रसूता और नवजातों को इन्फेक्शन का खतरा अधिक रहता है। क्योंकि इस समय रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। अगर किसी प्रेग्नेंट लेडी को अधिक परेशानी है तो ही उसे हॉस्पिटल बुलाया जा रहा है। जहां तक बात सोनोग्राफी करने की है तो उसमें भी सबसे पहले उन्हीं की सोनोग्राफी की जाती है, जो बहुत आवश्यक है, लेकिन इस बीच पूरी सावधानी बरती जा रही है। जिन मामलों को टाला जा सकता है उन्हें हॉस्पिटल नहीं बुलाया जाता। प्राइवेट चिकित्सकों के सामने यह भी समस्या है कि उनके पास सामान्य मास्क, ग्लब्स और सामान्य किट ही है। ऐसे में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सिर्फ इमरजेंसी केस ही हॉस्पिटल में बुलाए जा रहे हैं।
एहतियात बरतते हुए टाल रहे सोनोग्राफी
इस समय डॉक्टर्स ने प्रेग्नेंट महिला के रुटीन चेकअप को एक तरह से टाल दिया है। कुछ प्रेग्नेंट महिलाएं हालातों को समझ रही हैं और फोन पर ही परामर्श ले रही हैं, जिसका उन्हें किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ रहा है। जिन महिलाओं की डिलिवरी का समय नजदीक है उन्हें डॉक्टर हॉस्पिटल में बुला समय दे रहे हैं। डॉ. मोनिका तिवारी कहती हैं कम टाइम होने पर महिला को कई इंजेक्शन लगने होते हैं, जिन्हें अवॉइड नहीं किया जा सकता। हालांकि कुछ महिलाओं को घर पर ही कोई न कोई विशेषज्ञ इंजेक्शन लगाने के लिए पहुंच रहा है। गाइडलाइन के अनुसार 11 से 13 हफ्ते में सोनोग्राफी कराई जाना चाहिए।
इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजें खाएं
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वीणा अग्रवाल बताती हैं कि इन दिनों प्रेग्नेंट महिलाओं को अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गुड़, अखरोट, बादाम, दालें सामान्यतौर पर घर पर होती हैं। गर्भवती महिलाओं को इनका सेवन ज्यादा करना चाहिए क्योंकि इनसे इम्युनिटी बढ़ती है। साथ ही थोड़ी एक्सरसाइज भी करना चाहिए। इस वक्त रुटीन चेकअप संभव नहीं है, इसलिए सिर्फ इमरजेंसी केस ही ले रहे हैं। लेकिन सभी पैशेंट्स को हम फोन के माध्यम से सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। कुछ जरूरी केस होता है तो टेस्ट की रिपोर्ट भी वॉट्सएप पर मंगवा लेते हैं। इस समय गर्भवती महिला और हम चिकित्सकों की सुरक्षा के लिहाज से यही सही है।
गर्भावस्था में घट जाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता, इसलिए डाइट पर ध्यान देने की सलाह दी जाती हैं।
डायबिटीज व हार्ट के मरीज सावधानी बरतें लेकिन कोरोना वायरस की जांच कराने के लिए परेशान न हों: डॉक्टर
मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों में कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना आम स्वस्थ लोगों से अधिक होती है। हालांकि ऐसे लोग थोड़ी अतिरिक्त सावधानी बरत कर इस खतरनाक संक्रमण से बच सकते हैं। यह बात वरिष्ठ चिकित्सकों ने कही है।