ज्योतिष शास्त्र: दिसंबर में फिर हो सकता हैं सत्ता परिवर्तन

◆ 2025 तक विश्व में रहेगी आर्थिक मंदी
◆ 11 मई से शनि, गुरु और शुक्र तीनों ग्रह हो रहे वक्री 
◆अशांति और लॉकडाउन से देश  में बढ़ सकती हैं मानसिक रोगियों की संख्या 
◆ घरेलू हिंसाओं और आत्महत्याओं की घटनाओं में होगा इजाफा
◆ कर्ज से लदे व्यवसायी और किशोर, युवा भी हो सकते हैं प्रभावित 
◆ सायबर हमले बढ़ने के आसार 
◆ भारतीय शेयर बाजार में जारी रहेगी गिरावटयुवा काफिला, ग्वालियर -
 ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार 11 मई से शनि, गुरु और शुक्र तीनों ग्रह वक्री हो रहे हैं। इन तीनों ग्रहों के वक्री होने से विश्व में आर्थिक मंदी आएगी, साथ ही प्राकृतिक आपदाएं भी। दक्षिणी देशों में विशेष हानि, पश्चिम दिशा के देशों में जलीय प्रलय और पूर्वी देशों में रोग व भूकंप आंधी जैसी घटनाएं देखने को मिलेंगी। मध्य भारत मे भी मौसम एका-एक करवट लेगा । क़भी धूप तो कभी बारिश के हालात उत्पन्न होंगे  । 


ज्योतिषाचार्य एचसी जैन के अनुसार 20 मई से सितंबर माह तक पूरे विश्व में महामारी, आंधी, भूकंप, हिंसा का खतरा छाया रहेगा। वहीं कुछ दक्षिण और पश्चिम देश आपस में युद्ध के कगार पर पहुंचेंगे। यह देश आपस में 2025 तक टकराते रहेंगे। ज्योतिषाचार्य के अनुसार जब शनि धनु राशि से निकलकर मकर राशि में आता है और गुरु शनि के साथ योग करता है तो उस साल में प्राकृतिक आपदाएं आती हैं।


दिसंबर में बन सकता है सत्ता परिवर्तन का योग


ज्योतिष में भारत के किसी राज्य की सत्ता परिवर्तन भी इसी वर्ष दिसंबर तक होने का योग बन सकता है। वहीं भारत में 4 मई से बीमारी में कुछ हद तक रोकथाम होने लगेगी। जबकि कुछ स्थानों पर कोरोना महामारी सितंबर तक कंट्रोल होगी। ज्ञात हो कि गोवा के बाद अब मणिपुर भी कोरोना वायरस से मुक्त हो गया है। यहां पर जो दो मामले सामने आए थे, अब वह पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। वहीं अनेकों स्थानों पर सरकार को लॉकडाउन मई और जून माह के लिए भी बढ़ाना पड़ सकता है।


तब हुई थीं ये घटनाएं


1961 व 1962 में शनि मकर राशि से कुंभ में आया तब इसी प्रकार की घटनाएं हुई थीं। 1984 में अक्टूबर में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या और दिसंबर में भोपाल गैस कांड के समय धनु राशि में गुरु और तुला में शनि थे। इस दौरान ज्यादातर ग्रह भी तुला से धनु के बीच की राशियों में थे। जब भी तुला से मकर राशि तक शनि व केतु ग्रहों के साथ गुरु, मंगल, सूर्य आते हैं तब इस प्रकार की घटनाएं होती हैं।


क्या कहती है ग्रहों की चाल


24 जनवरी 2020 को शनि ने अपनी मकर राशि से धनु राशि में प्रवेश किया है। गुरु ने भी 30 मार्च से मकर राशि में प्रवेश किया है। इससे पहले दोनों ग्रहों की युति धनु राशि में केतु के साथ रही। जिस पर राहू की दृष्टि भी रही थी। दिसंबर 2019 में 6 ग्रह धनु राशि में एक साथ थे। 2020 में 22 मार्च से मंगल भी 4 मई तक मकर राशि में हैं। इसके बाद शनि 11 मई को मकर राशि में वक्री होंगे जो कि 29 सितंबर तक रहेंगे। गुरु 14 मई को वक्री होंगे जो कि 12 सितंबर तक रहेंगे। शुक्र 13 मई को वक्री होगा जो कि 25 जून तक रहेगा। 11 मई से शनि, गुरु व शुक्र का वक्री होना मनुष्यों में रोग से पीड़ा, हिंसा, उपद्रव आदि की संभावना बनाता है।


क्या 4 अंक भारी है ???
विश्व में जब भी 4 अंक का अनोखा हुआ तब-तब अनोखी घटनाएं घटित हुई हैं-  


दूसरा विश्व युद्ध 1939      = 22 
1939 का जोड़   2+2      = 4                    


भोपाल गैस त्रासदी 1984  = 22


1984 का जोड़  2+2        = 4


कोरोना की महामारी 2020  
2020 का जोड़  2+2         = 4 
        
अब क्या इसे संयोग बस माना जाये???