इतिहास /ज्योतिबा राव फुले 'महात्मा' नही 'महामना' हैं

सावधान -ज्योतिबा राव फुले 'महात्मा' नही 'महामना' हैं।
महामना मतलब एक ऐसा महामानव जिसका मन-मस्तिष्क विशाल हो। बुद्धवादी दर्शन में आत्मा-परमात्मा के लिए कोई स्थान नहीं। इसलिए उनको महात्मा कहना उचित नहीं।



महामना ज्योतिबा राव फुले-
भारतीय समाज सुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्हें राष्ट्रपिता, प्रथम शिक्षक समाज सुधारक 'ज्‍योतिबा फुले' के नाम से जाना जाता है। फुले माली जाति से आते थे। सितम्बर 1873 में इन्होने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया। महिलाओं की संपूर्ण आजादी व शोषित पीड़ित, वंचित तबके के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के ये प्रबल समथर्क थे। वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे।



ज्योतिबा फुले/ ज्योतिराव फुले धार्मिक मान्यता सत्य शोधक समाज इनकी जीवन साथी सावित्रीबाई फुले।


इनका मूल उद्देश्य स्त्रीयो को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना, बाल विवाह का विरोध, आदि खत्म करके महिलाओं को संपूर्ण आजादी दिलवाना था।* विधवा विवाह का समर्थन करना रहा है।
ज्योतिबा राव फुले समाज की कुप्रथा, अंधश्रद्धा के जाल से समाज को मुक्त करना चाहते थे, अपना सम्पूर्ण जीवन उन्होंने स्रीयो को शिक्षा प्रदान कराने में, स्रियो को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में व्यतीत किया। 
 फुले जी महिलाओ को स्री पुरुष भेदभाव से बचना चाहते थे। उन्होंने कन्याओं के लिए भारत देश की पहिली पाठशाला पुणे में बनाई। स्री यो की तत्कालीन दयनीय स्थिति से महात्मा फुले जी बहुत व्याकुल और दुखी होते थे। इसलिए उन्होंने द्रूढ निश्चय किया कि वे समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाकर ही रहेंगे. उन्होंने अपनी जीवन साथी सावित्रीबाई फुले जी को स्वतः शिक्षा प्रदान की। सावित्रीबाई फुले जी भारत की प्रथम महिला अध्यापिका थी।


ज्योतिबा राव फुले केवल समाज सुधारक ही नहीं थे, वे सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे क्योंकि वे समानता की नींव पर जाति-पाति रहित और शोषण मुक्त्त समाज का निर्माण करना चाहते थे।
वे अपनी लक्ष्य पूर्ति के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे। भारत के इतिहास में ज्योतिबा राव फुले का नाम अजर है अमर है। जब जब समाज सुधारकों का नाम याद किया जाएगा जोती राव फुले सदैव याद किए जाएंगे।