◆एक-दो दिन में मंत्रीमंडल के शपथ होने की संभावना
◆कम से कम 10-12 मंत्री किए जा सकते हैं शामिल
◆स्टेट गैरेज को 12 गाड़ी तैयार करने के निर्देश
युवा काफिला,भोपाल-
कोरोना संक्रमण के मामले मध्यप्रदेश में लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। राज्य में अब तक कोरोना वायरस से 1400 लोग पीड़ित हैं और कोरोना पीड़ित मौतों की संख्या 444 हो गई है। ऐसे में सत्ता पर भाजपा के शिवराज सिंह चौहान काबिज में होने में कामयाब तो हो गए हैं, लेकिन मंत्री बनने की चाहत रखने वाले विधायकों और नेताओं को इंतजार करना पड़ रहा है।
पहले देश में कोरोना के बढ़ते खतरों को देखते हुए 14 अप्रैल तक पूरी तरह से लॉकडाउन किया गया था । लॉकडाउन के कारण हालातों पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को सम्बोधित किया और सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया कि वें घरों में रहकर अपना सहयोग दे रहे है। इसी बीच लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया हैं। सूबे की शिवराज सरकार का कैबिनेट गठन एक-दो दिन में संभव हैं।
वैसे तो कोरोना संक्रमण के मामले मध्यप्रदेश में भी तेजी से सामने आ रहे हैं। लेकिन न तो प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री हैं और न ही गृह मंत्री । संभवतः मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य हैं जहां मुख्यमंत्री अकेले बिना किसी मंत्रीमंडल की सलाह के कार्य कर रहे हैं।
इसके अलावा सूबे में जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले पिछले दो दिनों में सामने आए हैं, इससे शिवराज सरकार की चिंता बढ़ गई हैं । ऐसे में शिवराज सरकार की पहली प्रथामिकता कोरोना वायरस को हराना होना चाहिए न कि मंत्रिमंडल का गठन और विस्तार । फिर भी प्रदेश की राजनीति में जिस प्रकार एक-दो दिनों में पारा चढ़ा हैं इससे तो लगता हैं कि जल्द ही कैबिनेट गठन किया जायेगा ।
शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा था, 'मेरे और बीजेपी की सरकार के सामने फिलहाल मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी चुनौती कोरोना वायरस को फैलने से कैसे रोका जाए, । मुख्यमंत्री शिवराज ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों को लेकर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूबे के तमाम आला अधिकारियों से संवाद किया और विशेष पैकेज की घोषणा की है।
सूत्रों के हवाले से खबर, कोरोना संकट के बीच प्रदेश में बड़ी कैबिनेट विस्तार की संभावना, एक-दो दिन में शपथ होने की संभावना, कम से कम 10-12 मंत्री किए जा सकते हैं शामिल, स्टेट गैरेज को 12 गाड़ी तैयार करने के निर्देश, 10 से 12 मंत्री ले सकते हैं शपथ। नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र शुक्ल, गौरीशंकर बिसेन,विजय शाह, विश्वास सारंग, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, बिसाहू लाल सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर , इमरती देवी सबसे प्रबल दावेदार हैं।
शिवराज सिंह चौहान के सामने कैबिनेट गठन करना एक बड़ी चुनौती है, ऐसे में लॉकडाउन के चलते मंथन करने के लिए टाइम तो मिल ही गया है। शिवराज के सामने कैबिनेट में एक तरफ सिंधिया समर्थकों को जगह देने का वचन है तो दूसरी तरफ अपनों को तवज्जो देने की चुनौती है कि कहीं अपने ही बेगाने न हो जाएं। दरअसल मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के गिरने की एक बड़ी वजह उन असंतुष्ट विधायकों को ना साध पाना भी रहा, जो मंत्री बनने की चाहत में थे।
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। इस हिसाब से सरकार में मुख्यमंत्री सहित ज्यादा से ज्यादा 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं। शिवराज की नई सरकार में सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद होगी। क्षेत्रीय स्तर पर प्रदेश के सभी संभागों (मंडलों) से मंत्री बनाने के साथ सामाजिक समीकरण के स्तर पर क्षत्रिय, ब्राह्मण, पिछड़े, अनुसूचित जाति और आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व दिए जाने की संभावना है।