भीलवाड़ा-
राजस्थान के भीलवाड़ा में 2016 बैच की आइएएस में टॉप करने वाली दलित समाज की SDM टीना डाबी को कौन नही जानता।
उन्होने यूपीएससी की कठिन परीक्षा में देश में प्रथम आकर योग्यता के मिथक को तोड़कर यह प्रमाणित किया कि योग्यता पर किसी जाति या वर्ण का विशेषाधिकार नही है। यह किसी विशेष जाति या वर्ण की मिल्कियत नही है।
वर्तमान में एक बार फिर टीना डाबी ने अपनी योग्यता और क्षमता का परिचय देते हुए कोरोनावायरस को पूरे राजस्थान में फैलने से रोक दिया। वो अभी राजस्थान के भीलवाड़ा क्षेत्र में एसडीएम (Sub Divisional Magistrate) है।
जब यह तथ्य सामने आया कि भीलवाड़ा में कारोना वायरस बहुत तेज़ी से फैल रहा है, यहाँ तक कि वहाँ के डॉक्टर भी इस वायरस से संक्रमित होने लगे थे, तब 20 मार्च, 2020 को अपनी बुद्धी, विवेक, परिश्रम, लगन और जनता की सेवा के बल पर टीना डाबी ने पूरे भीलवाड़ा को निर्मम रूप से सील कर दिया। फिर लगभग सभी नागरिकों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग कर कोरोनावायरस को पूरे नागरिको/समुदाय में फैलने से रोक दिया। याद रहे ये सब उन्होने तब किया जब पूरे भारत में किसी ने ऐसा सोचा भी नही था। टीना डाबी का कहना है कि अगर वह ऐसा नही करती तो भीलवाड़ा में इटली की तरह वायरस फैल जाता जिसके परिणाम बहुत घातक होते। आज पूरे भारत में कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए उनकी यह पद्धति एक मिसाल बन गई है। इस पद्धति को भीलवाड़ा के बाद राजस्थान के अन्य शहरों/क्षेत्रों में भी लागू कर पूरे राज्य को महामारी से बचाया जा रहा है। एक बार फिर यह तथ्य प्रमाणित होता है कि योग्यता और क्षमता किसी जाति या वर्ण का विशेषाधिकार नही है।
यहाँ यह भी बताना आवश्यक है कि उक्त अद्वितीय कारनामा कामयाब करने में उदयपुर मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ बी एल मेघवाल एवं डॉ रामावतार बैरवा की टीम ने यह साहसिक और सराहनीय कार्य किया। उनकी टीम म़े
सभी डॉक्टर्स आंबेडकरवादी डॉक्टर्स संगठन के है और उनके नाम हैं:
डॉ गौतम बुनकर(SC)
डॉ दौलत मीणा(ST)
डॉ सुरेन्द्र मीणा(ST)
डॉ देव किसान सरगरा(SC)
डॉ मनीष वर्मा(SC)
डॉ कविता वर्मा(SC)
डॉ चंदन(SC)
डॉ महेश(SC)
डॉ राजकुमार(SC)
डॉ शिव(SC)
डॉ सत्यनारायण वैष्णव(OBC)
राजस्थान पत्रिका ने आंबेडकरवादी डॉक्टर्स की उपलब्धि को प्रकाशित किया हैं।