सतयुग की अवधारणा क्या है?

सतयुग विशेष- 


सतयुग की खास बातें-


तब लोग सत्य बोलते थे, झूठ नहीं । 


चोरी- डकैती नहीं थी।


घर में ताले नहीं लगते थे।


लोग ईमानदार थे।


आपस में भाई - चारे का नाता था।


परस्पर झगड़ा - झंझट कम था।


शांति थी।


यदि प्राचीन भारत में ऐसी स्थिति की कोई कमोबेश झलक मिलती है तो वह मौर्य काल में मिलती है।


मौर्य काल के बारे में मेगस्थनीज ने लिखा है कि भारत के लोग कभी झूठ नहीं बोलते, मकानों में ताले नहीं लगाते और न्यायालयों में बहुत कम जाते हैं।


यदि प्राचीन भारत में सतयुग की कमोबेश परिकल्पना की जा सकती है तो वह मौर्य काल ही होगा।