मप्र सियासत/ आज रात 9 बजे शपथ ग्रहण करेंगे मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री

भोपाल- 


मध्यप्रदेश में कुछ दिनों से छाए सियासी बादल आज छंटने के आसार दिखने लगे हैं। सबकुछ ठीक ठाक रहा तो 23 मार्च को शाम 9 बजे ही प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को शपथ दिलाई जा सकती है।


शपथ ग्रहण के पश्चात मध्यप्रदेश के इतिहास में शिवराज ऐसे पहले नेता बन जायेंगे जो चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालेंगे। इससे पहले 23 मार्च की शाम 6:30 बजे भाजपा विधायक दल की औपचारिक बैठक में चौहान को नेता चुना जाएगा। सूत्रों से खबर हैं कि 40 विधायको के विद्रोह व दलबदल के डर के कारण शिवराज सिंह चौहान को आज फिर मध्यप्रदेश की बागडोर मिल सकती है। ज्ञात हो कि 13 दिसम्बर 2008 से 17 दिसम्बर 2018 यानी 13 साल 17 दिन CM रहने वाले शिवराज आज फिर चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ राजभवन में लेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दो बार शिवराज सिंह चौहान से कोरोना के मुद्दे पर बातचीत की थी। इसमें उन्होंने चौहान को प्रशासन से संपर्क बनाए रखने के लिए भी कहा था। दूसरी वजह सिंधिया के समर्थन के कारण बन रही सरकार को चलाने में समन्वय का मुद्दा महत्वपूर्ण रहेगा, इसलिए चौहान के अनुभव का पार्टी को लाभ मिलेगा।


24 सीटों पर होंगे उपचुनाव -


शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के राजनीति के नफा नुकसान को भली-भांति समझते हैं उन्हें यह पता है किस आईएएस को कब, कहां और कैसे बिठाना है। शपथ ग्रहण करते ही वह तुरंत सक्रिय भूमिका में आ जायेंगे। क्योंकि
विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। दो विधायकों के निधन के बाद 2 सीटें ( जौरा और आगर मालवा) पहले से खाली हैं। सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 विधायक बागी हो गए थे। इनमें 6 मंत्री भी थे। स्पीकर एनपी प्रजापति इन सभी के इस्तीफे मंजूर कर चुके हैं। इस तरह कुल 24 सीटें अब खाली हैं। इन पर 6 महीने में चुनाव होने हैं।


 


पूर्ण बहुमत के लिए उपचुनाव में भाजपा को कम से कम 9 सीटें जीतनी होंगी-
भाजपा के 106 विधायक हैं। 4 निर्दलीय उसके समर्थन में आए तो भाजपा की संख्या 110 हो जाती है। 24 सीटों पर उपचुनाव होने पर भाजपा को बहुमत के लिए 7 और सीटों की जरूरत होगी। अगर निर्दलीयों ने भाजपा का साथ नहीं दिया तो उपचुनाव में पार्टी को कम से कम 9 सीटें जीतनी होंगी।