मप्र राजनीति/सुप्रीम कोर्ट से सड़क तक की राजनीति

भोपाल-


मध्यप्रदेश का सियासी घटनाक्रम कई नाटकीय ढंग से ढ़लता जा रहा है। दिग्विजय सिंह और अन्य कांग्रेस नेताओं को बेंगलुरु में हिरासत में लिए जाने के खिलाफ भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। पहले कार्यकर्ताओं ने राजभवन के सामने नारेबाजी की और इसके बाद वे भाजपा दफ्तर का घेराव करने पहुंचे। यहां भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई हुई और पथराव भी किया गया। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं को चोट आई है।


 





इस टकराव के बाद पुलिस ने भाजपा और कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। भाजपा कार्यालय पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस घटना के बाद सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता हबीबगंज थाने पहुंच गए। प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। सीएसपी भूपेंद्र सिंह हबीबगंज थाने पहुंचे और भाजपा के कार्यकर्ताओं से हाथ जोड़कर घर जाने की अपील की। गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किये जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और 11 मार्च को भाजपा में शामिल हो गये। इसके बाद ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। 14 मार्च, शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट गहरा गया है। ये सभी 22 सिंधिया समर्थक विधायक एवं पूर्व विधायक बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं।