भोपाल-
मध्यप्रदेश के सियासी ड्रामे के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के प्रवक्ता जफर इस्लाम के साथ बीजेपी मुख्यालय निकले हैं। लेकिन अभी भी सवाल यह हैं कि आखिर वो कौन हैं, जिसने सिंधिया और भाजपा के बीच 'डील' कराई? वह कौन हैं जिसने सिंधिया को अपने 18 साल के कांग्रेस के बेदाग कैरियर को छोड़कर भाजपा में शामिल कराने के लिए राजी किया । खबर है कि मध्य प्रदेश में मचे सियासी उथल-पुथल के पीछे बीजेपी के प्रवक्ता जफर इस्लाम का हाथ है। जफर ने ही सिंधिया को कांग्रेस से नाता तोड़ बीजेपी खेमे में लाने में अहम भूमिका निभाई है। ज़फर इस्लाम कभी विदेशी बैंक में थे। सूत्रो के मुताबिक, ज्योतिरदित्य और जफर की लगातार पांच बैठकें हुई थीं। खुद ज्योतिरदित्य सिंधिया ने अपनी तरफ से पेशकश की थी। इस पेशकश को जफर इस्लाम ने ही पार्टी आलाकमान तक पहुंचाया। इसके बाद ज्योतिरादित्य को भाजपा में लाने की कवायद और मध्य प्रदेश में ‘ऑपरेशन लोटस’ की पटकथा लिखी गई। इस पूरे ऑपरेशन में भाजपा की तरफ से सिर्फ लॉजिस्टिक और अन्य सहायता दी गई। पूरा ऑपरेशन ज्योतिरदित्य के मुताबिक ही चला। मंगलवार को जब गृहमंत्री अमित शाह ज्योतिरदित्य सिंधिया को लेकर प्रधानमंत्री आवास पहुंचे थे तो उस समय भी जफर इस्लाम गृहमंत्री अमित शाह की गाड़ी में मौजूद थे। हालांकि मध्यस्थता में बड़ौदा राजपरिवार की महारानी की भी अहम भूमिका रही ।
लेकिन अभी भी दो बार के राज्यसभा सदस्य, संघ के बहुत करीबियों में शामिल, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, ज्योतिरादित्य के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से नाराज होने की खबर बाहर आई हैं । सूत्रों का दावा हैं कि बीजेपी और ज्योतिरादित्य सिंधिया में डील सील हुई हैैं और सिंधिया को राज्यसभा के रास्ते केंद्र में कद्दावर मंत्री बनाया जायेगा। वहीं उनके सिपहसलाहाकार तुलसी सिलावट को प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। रेलवे मंत्रालय जैसा कोई बड़ा मंत्रालय मिल सकता है। ज्योतिरादित्य की गाड़ी बीजेपी मुख्यालय पहूंची।बीजेपी के तमाम कद्दावर स्वागत करने पहुंचे।