नई दिल्ली-
मध्यप्रदेश में यदि की सरकार बनी तो शिवराज सिंह चौहान अगले मुख्यमंत्री होंगे। मंगलवार शाम विधायक दल की बैठक में शिवराज को विधायक दल का नया नेता चुना जाएगा। वहीं बीजेपी सूत्रों के मुताबिक रविवार शाम को कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात बीजेपी के चार बड़े नेताओं से हुई। इस मुलाकात में सिंधिया को राज्यसभा भेजे जाने पर सहमति बनी है। सूत्रों की माने तो सिंधिया खुद के लिए केंद्रीय कैबिनेट में जगह भी चाहते हैं।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ बड़ी बगावत हो गई है। कमलनाथ सरकार के छह मंत्रियों समेत 17 विधायक बागी होकर बेंगलुरू पहुंच गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि 16 मार्च से शुरू होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन ही बीजेपी कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी और इन विधायकों की मदद से अविश्वास प्रस्ताव को पास करवाकर कमलनाथ सरकार को गिरा दिया जाएगा और फिर भाजपा का 'ऑपरेशन कमल' अगले कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा।
कांग्रेस में सवर्ण चेहरों को तवज्जों नहीं -
कमलनाथ सरकार में ब्राम्हण चेहरे के मंत्री नही थे । सिर्फ दो ही मंत्री थे । जबकि भाजपा में 15 --15 मंत्री ब्राम्हण थे ।
इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि ब्राम्हण विहीन मन्त्रिमण्डल बनाया गया बस यही बात सूबे के मनुवादी नेेतृत्व पचा नहीं पा रहा था। तभी से सभी मनुुुवादी नेता एकजुट हो कर पूरा माहौल खराब कर रहे थे । अब सरकार जो भी बने यह देखना दिलचस्प होगा कि कितने सवर्ण मंत्री बनाये जाते हैं। सिंधिया तो बहाना है सवर्ण को सत्ता में लाना है ।
ट्विटर से -
लगने लगा है कि अपने मंत्रियों से इस्तीफा लेने के बाद #मध्यप्रदेश के #मुख्यमंत्री #कमलनाथ #विधानसभा के शक्ति-परीक्षण में पार्टी की व्हिप जारी कर असंतुष्ट #कांग्रेसियों को अयोग्य घोषित कराने की दिशा में जाएंगे..?