बंगलूरु-
मध्यप्रदेश के हाई वोल्टेज सियासी ड्रामे के बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेता और कमलनाथ के करीबी सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कोई ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जाने के लिए तैयार नहीं हैं। उनकी रगों में कांग्रेस का खून है। महाराज खुद बनने के लिए दूसरे लोगों की बलि चढ़ाएं ये कैसे संभव है? ये वो विधायक समझ गए। हमें कोई डर नहीं है। बीजेपी के 7 से 8 विधायक हमारे संपर्क में हैं।
मध्य प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि बेंगलुरु गए विधायकों में से 12 ने भारतीय जनता पार्टी में जाने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरू पहुंचे 10 विधायक और दो मंत्री बीजेपी में जाने को तैयार नहीं हैं। जानकारी के मुताबिक, सिंधिया समर्थक 19 MLA को बेंगलुरु में ठहराया गया है। सियासी उथल-पुथल के बीच मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लगातार बहुमत होने का दावा कर रहे हैं। साथ ही फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने की बात भी कह रहे हैं। सिंधिया और कांग्रेस नेतृत्व के बीच कलह बढ़ने के साथ ही मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी में फूट और बगावत के आसार तेज हो गए थे। आखिरकार पार्टी में फूट सार्वजनिक भी हो गई। इस राजनीतिक तोड़फोड़ के बीच सिंधिया समर्थक 19 विधायकों को बेंगलुरू भेज दिया गया, ताकि उन्हें कोई तोड़ न सके। सूत्रों का कहना है कि अब इन्हीं में से 12 विधायकों ने भाजपा में जाने से इनकार कर दिया। इन विधायकों का कहना है कि हम महाराज के लिए आए थे, न कि बीजेपी में शामिल होने के लिए। बागी विधायकों के इस तेवर से मध्य प्रदेश की राजनीति नई करवट भी ले सकती है।
मध्यप्रदेश मे सरकार बदलने के साथ ही एक बार फिर होगी प्रदेश भर में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियो की सर्जरी,
बड़े अधिकारियों के अंदर मची खलबली, कइयो ने मारी पल्टी, भाजपा के बड़े नेताओं से शुरू किया सम्पर्क और दे रहे बधाइयां।
कांग्रेस सांसद नकुल नाथ (मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के बेटे) ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि मध्यप्रदेश सरकार सुरक्षित है और कर्नाटक गए विधायक जल्द ही कांग्रेस में वापस आएंगे
(फोटो-साभार ANI) बेंगलुरु में प्रेस्टीज गोल्फशीरे के बाहर युवा कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करते हुए, जहां मध्य प्रदेश के 19 विधायक ठहरे हुए हैं जिन्होंने कल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
यदि सरकार पर संकट नहीं है तो क्या पुनः काँग्रेस के इन मँत्रियों को ,मँत्री पद दिया जायेगा, जिनको हटाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र लिखा था।सिंधिया के बगावती तेवर के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने की कगार पर है हालांकि, कमलनाथ अभी भी कह रहे हैं कि फिक्र करने की कोई बात नहीं है। सरकार फ्लोर टेस्ट पास कर लेगी।