भोपाल-
बजट सत्र और राज्यसभा चुनाव से पहले भाजपा अपने विधायकों को एकजुट रख एकता प्रदर्शित करना चाहती है। भोपाल के प्रदेश दफ्तर में संभागवार विधायकों की दो दिवसीय बैठक बुलाई गई है। दूसरे दिन मंगलवार को रीवा और शहडोल संभाग के विधायकों की बैठक हुई। मध्य प्रदेश में हॉर्स ट्रेडिंग के बाद गर्माई सियायत के बीच भाजपा के मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी और ब्यौहारी विधायक शरद कोल बैठक से नदारद रहे। ये दोनों विधायक जुलाई 2019 में विधानसभा में क्रॉस वोटिंग के दौरान भाजपा के खिलाफ मतदान कर चुके हैं। सोमवार को शरद कोल ने एक वीडियो जारी कर अपनी पार्टी की आलोचना की थी और कहा था कि भाजपा एक विशेष जाति के लोगों को तवज्जो दी जाती है।
राज्यसभा चुनाव से पहले भाजपा में मची खलबली-
दो विधायकों की अनुपस्थिति पर भाजपा भले ही खुलकर न बोल पा रही हो, लेकिन अंदरखाने में खलबली मची हुई है। मप्र में कुछ दिन बाद ही राज्यसभा का चुनाव होने वाला है। ऐसे में एक-एक विधायक और वोट का काफी महत्व होता है। अगर ये दोनों विधायक वोटिंग के दौरान फिर से पाला बदलते हैं तो भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गौरतलब हैं कि भाजपा के ब्यौहारी विधायक शरद कोल ने सोमवार को वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि भाजपा में अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों की उपेक्षा हो रही है। राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश नेतृत्व तक किसी भी महत्वपूर्ण पद पर इस वर्ग के व्यक्ति को नहीं बैठाया गया है। कोल ने कमलनाथ सरकार की तारीफ भी की थी। भाजपा ने इस वीडियो की जांच की मांग की थी।