लखनऊ सियासत/ भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद का बड़ा फैसला और अखिलेश यादव का बड़ा गेम

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने रविवार को बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की जयंती पर अपनी पार्टी 'आज़ाद समाज पार्टी' का एलान किया। हालांकि इस मौक़े पर प्रशासन और चंद्रशेखर आज़ाद की पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच टकराव की स्थिति भी बन गई। प्रशासन की ओर शनिवार देर शाम एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उन्होंने नई पार्टी के लिए आयोजन की अनुमति से मना कर दिया था। प्रशासन की ओर से दलील दी गई थी कि जनसभा में सामूहिक भीड़ होती है जिससे कोरोना वायरस के फैलने का ख़तरा रहता है। हालांकि कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने छह दिन पहले ही इस आयोजन के लिए अनुमति मांगी थी और तब उन्हें इसके लिए हां कह दिया गया था और आयोजन से ठीक एक दिन पहले ये नोटिस लगा दिया गया।


इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) को डबल झटका लगा है। एक तरफ समाजवादी पार्टी (SP) ने पूर्वांचल और बुंदेलखंड के एक दर्जन से ज्यादा प्रमुख बसपा नेताओं को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करायी। वहीं दूसरी ओर दलित समाज में तेजी से लोकप्रिय होते जा रहे भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने आजाद समाज पार्टी (एएसपी) नाम से नए राजनीति दल का गठन कर 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया।



सपा की सदस्यता ग्रहण करने वालों में कांशीराम के सहयोगी रहे आजमगढ़ के पूर्व राज्यसभा सदस्य बलिहारी बाबू, पूर्व एमएलसी व दर्जा प्राप्त मंत्री रहे झांसी के तिलक चंद्र अहिरवार, पूर्व विधायक ललितपुर के फेरनलाल अहिरवार व राठ के अनिल अहिरवार को समर्थकों समेत अखिलेश यादव ने सपा में सदस्य बनाया।अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे साथ बसपा की नींव के पत्थर आ गए हैं। अब सपा 2022 में 351 सीटों पर जीत का अपना लक्ष्य जरूर हासिल होगा।