लखनऊ-
सम्राट अशोक के जीवन के बारे में बताते हुए डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सम्राट अशोक के जिस शिलालेख को पढ़कर इतिहासकारों ने यज्ञ और हवन में पशु- वध किए जाने का तूफान खड़ा किया है, वह उनका प्रथम शिलालेख है, जिसमें कहीं भी यज्ञ और हवन का उल्लेख नहीं है।
इसलिए अशोक के शिलालेखों की मनमानी व्याख्या कर वैदिक यज्ञ और संस्कृति से जोड़ना बंद करें इतिहासकार ।