इतिहास/ गणित में शून्य का आगमन बौद्ध दर्शन से- डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह

लखनऊ-


गणित में शून्य का आगमन बौद्ध दर्शन से हुआ है। गौतम बुद्ध के समकालीन बौद्ध भिक्खु विमल कीर्ति और मंजूश्री के बीच जो संवाद हुआ था, वह शून्य को लेकर था। यहीं से खुराक लेकर नागार्जुन ने दर्शन के क्षेत्र में शून्यवाद की स्थापना की थी। बौद्ध दर्शन में जो शून्य है, वहीं अरबी में सिफ़र ( सिफ्र) है अर्थात खाली। अरबी में जो सिफ़र है, वहीं लैटिन में जेफिरम है। जो लैटिन में जेफिरम है, वहीं अंग्रेजी में जीरो है।


( Zephirum > Zepiro > Zeuero > Zero )