भोपाल-
इतिहास में हर दिन घटनाओं के साथ दर्ज हैं। ऐसे ही 31 मार्च का दिन भी ऐसा ही ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। ऐसी ही एक घटना की बात करें तो देश के संविधान निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर को 31 मार्च 1990 को पी. वी. नरसिम्हा राव की सरकार ने मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करके देश और समाज के प्रति उनके अमूल्य योगदान को नमन किया गया।
''बाबासाहब'' भीमराव आंबेडकर ने सदैव ही वंचित वर्गों के हक और अधिकारों की लड़ाई लड़ी और जीवनभर सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ते रहे। आजादी के बाद उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई जब उन्हें राष्ट्र के संविधान निर्माण का दायित्व सौंपा गया।
डॉ आंबेडकर ने राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जैसे औद्योगीकरण,नदी जोड़ो,आर्थिक योगदान व राजनैतिक योगदान को कैसे भला कैसे भुलाया जा सकता हैं। डॉ. आंबेडकर मार्गदर्शन में ही 4 अप्रैल 1945 को वायसराय से अनुमोदित करवाया और बड़े बांधों वाली तकनीकों को भारत में लागू करवाने हेतु कार्य किया । जिससे दामोदर घाटी बांध,सोन नदी घाटी बांध,हीराकुड बांध जैसे आठ बांध मात्र चार वर्षों में ही बनवा डाले।
सामाजिक एवं धार्मिक योगदान-
मानवाधिकार जैसे दलितों एवं दलित आदिवासियों के मंदिर प्रवेश, पानी पीने, छुआछूत, जातिपाति, ऊंच-नीच जैसी सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए कार्य किए।
उन्होंने छात्रावास, नाइट स्कूल, ग्रंथालयों और शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से कमजोर वर्गों के छात्रों को अध्ययन करने और साथ ही आय अर्जित करने के लिए उनको सक्षम बनाया। सन् 1945 में उन्होंने अपनी पीपुल्स एजुकेशन सोसायटी के जरिए मुम्बई में सिद्वार्थ महाविद्यालय तथा औरंगाबाद में मिलिन्द महाविद्यालय की स्थापना की।
हिन्दू विधेयक संहिता के जरिए महिलाओं को तलाक, संपत्ति में उत्तराधिकार आदि का प्रावधान कर उसके कार्यान्वयन के लिए संघर्ष किया।
आर्थिक, वित्तीय और प्रशासनिक योगदान-
भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना डॉ. बाबा साहब आंबेडकर जी की रचना 'रुपये की समस्या-उसका उद्भव और प्रभाव' और 'भारतीय चलन व बैकिंग का इतिहास' और 'हिल्टन यंग कमीशन के समक्ष उनकी साक्ष्य' के आधार पर 1935 में हुई।
डॉ. बाबा साहब आंबेडकर जी के दूसरे शोध 'ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का विकास' के आधार पर देश में वित्त आयोग की स्थापना हुई।
साल 1945 में उन्होंने देश के लिए जलनीति और औद्योगिकरण की आर्थिक नीतियां जैसे नदी-नालों को जोडना, हीराकुंड बांध, दामोदर घाटी बांध, सोन नदी घाटी परियोजना, राष्ट्रीय जलमार्ग, केंद्रीय जल और विद्युत प्राधिकरण बनाने के मार्ग प्रशस्त किए।
तकनीकी योगदान-
साल 1944 में प्रस्तावित केंद्रीय जल मार्ग और सिंचाई आयोग के प्रस्ताव को 4 अप्रैल 1945 को वाइसराय की ओर से अनुमोदित किया गया और बड़े बांधों वाली तकनीकों को भारत में लागू करने हेतु प्रस्तावित किया।
संविधान निर्माण-
डॉ. बाबा साहब आंबेडकर ने समता, समानता, बन्धुता एवं मानवता आधारित भारतीय संविधान को 02 साल 11 महीने और 17 दिन में तैयार करने का अहम कार्य किया।
निर्वाचन आयोग, योजना आयोग, वित्त आयोग, महिला पुरुष के लिये समान नागरिक हिन्दू संहिता, राज्य पुनर्गठन, राज्य के नीति निर्देशक तत्व, मौलिक अधिकार, मानवाधिकार, निर्वाचन आयुक्त और सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं विदेश नीति बनाई।
डॉ. बाबा साहब आंबेडकर ने विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में एसी-एसटी के लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की।