भोपाल/ रबींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के 10 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर जश्न
भोपाल-

 रबींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के 10 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर जश्न मनाया गया।  यूनिवर्सिटी द्वारा मशहूर बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर ऐष किंग का लाईव कॉन्सर्ट आयोजित किया गया। म्यूजिकल नाइट में विश्वविद्यालय परिवार के साथ-साथ शहर की जनता ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और किंग के गानों पर जमकर थिरके।


 

उम्दा साउंड अरेजमेंट्स और बेहतरीन लाइटिंग के साथ-साथ ऐष किंग के सुरों ने कुछ ऐसा समां बांधा कि विश्वविद्यालय परिसर का मैदान दर्शकों के अभिवादन और प्रशस्ति में बजाई गई तालियों से गूंज उठा। 



काॅसर्ट की शुरुआत हाॅफ गर्लफ्रेंड फिल्म के गाने ‘बारिष का पानी’ से की इसके बाद बाॅडीगाॅर्ड फिल्म का ‘आईलवयू’, ‘तुझको जो पाया तो जीना आया’, ‘तेरे लिये दुनिया छोड़ दी है’, हर दुआ मंक शामिल तेरा प्यार है’.. और ए. आर. रहमान के ‘दिल गिरा दफ्अतन’ सॉन्ग से बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले ऐष किंग ने भोपालवासियों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई। आज ही विश्वविद्यालय ने अपने एनुअल फेस्ट रिद्म 2020 का समापन समारोह मनाया और इसके बाद तीन दिनों लंबे प्रतिभागिता के माहौल को लाइट करने के लिए किंग के सुरों से बेहतर क्या हो सकता था।
यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री संतोष चैबे, कुलसचिव डाॅ. विजय सिंह और श्री नितिन वत्स, निदेषक आईक्यूएसी ने मेहमान ऐष किंग को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए, उनके सुरीले अंदाज की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े। विष्वरंग के दौरान निर्मित रबीन्द्रनाथ टैगोर के चित्रों पर एकाग्र काॅफी टेबल बुक जब सिंगर ऐष किंग को भेंट की तो उसे देखकर किंग भावविभोर हो गए। किंग भी विश्वविद्यालय परिवार के प्यार और सत्कार के कायल हो गए और उन्होंने परिसर की भौगोलिक सुंदरता के साथ-साथ विश्वविद्यालय परिवार के युवाओं की असाधारण ऊर्जा से बने सकारात्मक माहौल की भी जमकर सराहना की। किंग ने कहा कि आरएनटीयू के परिवार से और भोपाल की जनता से मिलकर लगा ही नहीं कि जैसे वह यहां पर मेहमान हैं।


इंटरव्यू का अंश


लंदन में किस्मत से मिला पहला गाना....


प्रेस वार्ता के दौरान ऐश किंग ने बताया कि लंदन में रहने के दौरान कभी सोचा नहीं था कि बॉलीवुड में गाने का मौका मिलेगा। यह मौका भी किस्मत से एकाएक ही मिला था। ए आर रहमान एक बार लंदन में थे और उस दौरान वे नए सिंगर की तलाश में भी थे तब बातो बातों में उन्होंने नए सिंगर को खोजने की बात कही तो होटल से जुड़़े एक व्यक्ति ने मेरे बारे में उन्हें बता दिया। उस व्यक्ति ने मेरी जमकर तारीफ की जिसके कारण ए आर रहमान मुझसे मिले। तब उन्होंने मुझे कोई गाना गाने को कहा। मैने गाना गाया तो तुरंत उन्होंने अगली फिल्म में गाने के लिए बोल दिया। इस तरह पहली फिल्म दिल्ली 6 में गाने का मौका मिला। इसके बाद इस गाने ने मेरे लिए रिज्यूमे का काम किया और आगे गाने मिलने लगे।



आशुतोष गांगुली से लिया नाम ऐश-
अपने दादा के बारे में बात करते हुए ऐश बताते हैं कि मेरे दादा आशुतोष गांगुली शास्त्रीय गायन में रहे हैं और उनका फैन मैं भी हूं और आदर्श भी मानता हूं। इसमें आपको जानकर यह हैरानी होगी कि दादा आशुतोष के नाम से ही मेरे नाम का ऐश आया है।


8 भाषाओं में गाए गाने-
आगे ऐश किंग बताते हैं कि मैं पला-बढ़ा लंदन में हूं पर मुझमें भारतीयता कूट-कूट कर भरी है। मुझे हिंदी ठीक से नहीं आती पर हिंदी, गुजराती, मराठी समेत आठ भारतीय भाषाओं में सॉन्ग्स गा चुका हूं। मेरे पिता बंगाली थे और माता गुजराती। इसी विरासत के कारण यह संभव हुआ है। मैं लंदन में इंग्लिश सॉन्ग्स गाया करता था पर बॉलीवुड में अब तक एक भी इंग्लिश सॉन्ग नहीं गाया। अब 8 भाषाओं के बाद 9वीं भाषा इंग्लिश में गाना गाने की इच्छा है। आगे वे बताते हैं कि उन्हें फील गुड मूड के सॉन्ग्स पसंद हैं। साथ ही वे बताते हैं कि जब पता चला कि भोपाल में रबीन्द्रनाथ टैगोर विवि में गाना गाना है तो उन्हें एकबारगी तो लगा कि शायद रवीन्द्र संगीत गाना पड़ेगा।



किशोर कुमार का फैन हूं
किशोर कुमार से उनके रिलेशन पूछे जाने और क्या इसको लेकर अच्छा परफॉर्म करने का प्रेशर होता है, पर ऐश बताते हैं कि किशोर कुमार बहुत दूर के रिश्तेदार हैं। ऐसे में प्रेशर कुछ नहीं है। पर किशोर कुमार के वे खुद भी फैन हैं और उनके खूब गाने सुनते हैं।